संस्कारशाला- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संचालित मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा 4 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए चलाई जा रही विशिष्ट कार्यशाला है। अगस्त माह की संस्कारशाला का विषय “नियमित संस्कारशाला” था। इन कार्यशालाओं के माध्यम से, मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र बच्चों में मूल्यों को स्थापित कर रहा है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके तथा वे समाज की सुदृढ़ नींव बन सकें। अगस्त माह में, मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की विभिन्न शाखाओं और पब्लिक स्कूलों में नियमित संस्कारशालाओं के 28 सत्र आयोजित किए, जिसमें लगभग 1227 बच्चों ने भाग लिया।
कार्यशाला का आरंभ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों और मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र के कार्यकर्ताओं द्वारा ध्यान, गुरु मंत्र और श्लोकों के उच्चारण के साथ हुआ । इसके बाद वीडियो, प्रश्नोत्तरी और संवादात्मक प्रस्तुतियाँ जैसी रुचिकर गतिविधियाँ हुईं l कार्यशाला में आत्मविश्वास, आत्मनियंत्रण, नियम और अनुशासन के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया l बच्चों को समय सारणी गतिविधि के माध्यम से समय के सदुपयोग के बारे में जागरूक किया गया तथा महत्त्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता देने के बारे में विस्तार से समझाया गया l साथ ही बच्चों ने सीखा कि अनुशासित व्यक्ति सदैव दूसरों से सम्मान प्राप्त करता है और तनाव से मुक्त रहता है l बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।
अंत में, बच्चों ने प्रतिज्ञा ली कि वे कार्यशाला में प्रदान किए गए मूल्यों को आत्मसात करेंगे और जीवन में अनुशासन का पालन करेंगे l साथ ही इस तरह की एक शिक्षाप्रद कार्यशाला आयोजित करने के लिए प्रचारकों को धन्यवाद दिया ।