दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) के वर्चुअल विश्वव्यापी मंच PEACE Connect द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत से बाहर के जिज्ञासुओं के लिए 18 और 19 जून 2022 को ॐazing योग महोत्सव नामक दो भव्य वेबिनारों का आयोजन किया गया।
संस्थान के संस्थापक व प्रमुख परम पूजनीय श्री आशुतोष महाराज जी की प्रेरणा द्वारा मार्गदर्शित PEACE Connect फोरम का उद्देश्य विश्व भर के अभिज्ञ व जागरूक व्यक्तियों का एक ऑनलाइन समुदाय बनाना है, जो व्यावहारिक रूप से अपने जीवन में शांति और आनंद को प्राप्त करने की इच्छा से प्रेरित हैं।
PEACE Connect द्वारा आयोजित पहले कार्यक्रम में जहां मध्य यूरोप, कैलिफोर्निया, ह्यूस्टन, न्यूयॉर्क और टोरंटो, यूनाइटेड किंगडम और गल्फ के सैकड़ों जिज्ञासुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, वहीं दूसरे कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, न्यूजीलैंड और थाईलैंड के जिज्ञासुओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।
इन आयोजनों में योग की मातृभूमि भारत से पतंजलि के अष्टांग योग सूत्रों को ऑमिक मॉडल (AUMIC Model) की रुपरेखा में मिश्रित कर अत्यंत प्रभावशाली गतिविधियों व प्रयोगों से परिपूर्ण एक समग्र पैकेज के रुप में प्रस्तुत किया गया।
इस मॉडल में तीन अक्षरों वाले शब्द ॐ को वेबिनार के तीन खंडों के रूप में अनुवादित किया गया। पहला अक्षर अ – अकार, जो हमारे शरीर या स्थूल रूप से संबंधित है, दूसरा अक्षर उ – उकार, जो हमारे मन या सूक्ष्म रूप से संबंधित है और तीसरा अक्षर म – मकार, जो हमारी आत्मा या मूल रूप से संबंधित है।
इन अद्भुत वेबिनारों का आरंभ योग के दौरान की गईं गलतियों पर आधारित एक हास्य वीडियो के साथ हुआ, जिसमें साधकों को योग करते समय कुछ गलतियों से बचने के लिए प्रेरित किया गया।
ॐ के पहले अक्षर अ - अकार अर्थात शारीरिक स्वास्थ्य पर आधारित प्रथम सत्र श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या व PEACE Connect की सूत्रधार साध्वी परमा भारती जी द्वारा लिया गया।
इस सत्र के अंतर्गत प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य के लिए हितकारी ऐतिहासिक मुद्राओं (व्यवहारवादी – नृत्य योग), शिल्पकार कौशल (योग्यता – नाद योग) और पशु करतब (जीवन शक्ति – शौर्य योग) का प्रदर्शन किया तथा इनके साथ - साथ साध्वी जी ने जिज्ञासुओं को स्वास्थ्य संबंधी विषय पर भी जागरूक किया। इसमें पतंजलि के अष्टांग योग के पहले तीन चरणों – ‘यम’, ‘नियम’ और ‘आसन’ के सार को उजागर किया गया।
इसके बाद श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या व PEACE Connect की प्रधान समन्वयिका साध्वी डॉ. निधि भारती जी ने उकार अर्थात मानसिक योग पर आधारित दूसरा सत्र आरंभ किया।
इसमें प्रयोगों की सहायता से प्रतिभागियों को लयबद्ध श्वास (भावनात्मक उपचार - प्राण योग), योगिक आहार (मन के लिए उपयुक्त भोजन – मनोयोग) और न्यूरो नृत्य (विवेक जागृति – बुद्धि योग) का अभ्यास करने हेतु निर्देशित किया गया। इस सत्र में पतंजलि अष्टांग योग के चौथे और पांचवें चरण - ‘प्राणायाम’ और ‘प्रत्याहार’ का सार प्रस्फुटित किया गया।
तत्पशात तीसरे सत्र में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या और PEACE Connect की प्रधान समन्वयिका साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने मकार यानी आत्मिक योग के विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने आंतरिक ब्रह्मांड के शाश्वत विज्ञान व योग के मूल आध्यात्मिक सिद्धांत का अनावरण किया।
इस सत्र में जिज्ञासुगण आध्यात्मिक योग (आंतरिक ब्रह्मांड - अंतर योग), ध्यान नेत्र (दिव्य दर्शन - ध्यान योग) और योगिक नींद (अंतर्ज्ञानी सपने - निद्रा योग) पर भाव प्रदर्शन देख आनंदित हो उठे। यह अंतिम सत्र पतंजलि अष्टांग योग के अंतिम चरण – ‘धारणा’, ‘ध्यान' और ‘समाधि’ से संबंधित था।
कार्यक्रम के अंत में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के साधकों की साधकता को प्रमाणित करता एक वीडियो प्रस्तुत किया गया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि किस प्रकार आत्म-साक्षात्कार की शाश्वत तकनीक यानी ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करने से उनका जीवन परिवर्तित हुआ।
दोनों आयोजनों के दौरान स्क्रीन पर प्रतिभागियों के आनंदित चेहरे दिखाई दे रहे थे। इन जिज्ञासुओं ने न केवल आनंद को प्राप्त किया था, बल्कि जीवन भर के लिए सीख भी हासिल की थी। कार्यक्रमों की प्रशंसा में प्रतिभागियों ने चैट विंडो को टिप्पणियों और प्रतिक्रियाओं से सराबोर कर दिया।