24 से 30 अप्रैल 2022 तक रुद्रपुर, उत्तराखंड में आयोजित की गई सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभ आरम्भ करने हेतु, डीजेजेएस द्वारा 23 अप्रैल, 2022 को मंगल कलश यात्रा का आयोजन किया गया। कलश यात्रा का उद्देश्य जन-जन तक इस भव्य व दिव्य कथा का संदेश पहुँचाना व उनका आवाहन करना रहा ताकि वे हमारे शास्त्र ग्रंथों में निहित आध्यात्मिक रत्नों के महत्व को जान पाएं। सात दिवसीय आध्यात्मिक कथा के अंतर्गत, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की शिष्या, कथा व्यास साध्वी वैष्णवी भारती जी द्वारा जीवन के अनेक प्रेरक सूत्र दिए गए।
मंगल कलश यात्रा ने ईश्वरीय दिव्य प्रेम और भक्ति से ओत प्रोत ऐसी आनंदमयी तरंगों को प्रसारित किया, जो मात्र ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर दर्शन करने के उपरांत ही प्रस्फुटित हो सकती हैं। ईश्वर के प्रति अपनी सच्ची भक्ति से हम उनके साथ एक वास्तविक संबंध स्थापित कर सकते हैं। यह तभी संभव है, जब हम पूर्ण सतगुरु की शरणागति स्वीकार करें। जब भक्त सतगुरु कृपा द्वारा उस सनातन ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर लेता है, तो ईश्वर की वास्तविक भक्ति व पूजा आरम्भ हो जाती है। तदोपरांत वह सच्चे आंतरिक आनंद का अनुभव कर पाता है।
मंगल कलश यात्रा द्वारा क्षेत्र निवासिओं को सत्य के मार्ग का अनुसरण करते हुए, सबके प्रति सौहार्द भाव रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया। आखिरकार, हम सभी उसी ‘दिव्य प्रकाश’ की संतानें हैं। आत्म-साक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर और आसपास सकारात्मक ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर पाता है। इससे उसके भीतर महान मानवीय गुणों का जागरण होता है। ईश्वर के दिव्य प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करने से वह अपने हृदय में प्रसन्नता, कृतज्ञता, क्षमा और करुणा जैसे गुणों को भर पाता है।
इस यात्रा ने विशाल जनसमूह के भीतर उत्साह पैदा किया कि वो ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर जीवन को कल्याण पथ पर अग्रसर करें। सभी ने ‘कलश यात्रा’ के माध्यम से प्राप्त दिव्य सन्देश और इसके पीछे के सार की सराहना की।