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पश्चिम दिल्ली: महिलाएं अपनी सामूहिक शक्ति द्वारा स्वयं के जीवन के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व को परिवर्तित करने का सामर्थ्य रखती हैं। इसी विचार को आगे रखते हुए, संतुलन द्वारा 27 मार्च, 2019 को भारती कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में एक लिंग संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह कार्यशाला मुख्य रूप से समाज में गहराई से प्रचलित लिंग रूड़ीवादिता पर आधारित पूर्वाग्रहों पर केंद्रित रही। विविध विचार उत्तेजक सत्रों के माध्यम से इस कार्यशाला में 200 प्रतिभागियों में आत्म मूल्य और वास्तविक सशक्तीकरण के भाव को जागृत किया गया जिससे वे लैंगिक अन्याय के विरुद्ध सोचने व् कार्य करने में सक्षम बन सकें।

Santulan inflates notion against Gender Stereotyping  among the students of Bharati College, University of Delhi

कार्यशाला का संचालन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रमुख व् संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्याएं, साध्वी दीपिका भारती जी एवं साध्वी श्यामा भारती जी द्वारा संतुलन की युवा स्वयंसेविकाओं संग हुआ। कार्यक्रम का शुभआरंभ कॉलेज की प्रधानाचार्या एवं छात्राओं द्वारा साध्वी जी और स्वयंसेविकाओं के अभिनन्दन से हुआ, जिसकी संचालिका सहायक प्रोफेसर अनु अरोरा जी रहीं। तत्पश्चात कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. मुक्ति सान्याल जी ने वेलकम नोट द्वारा संतुलन टीम का स्वागत किया। जिसके उपरान्त साध्वी दीपिका भारती जी ने नारी की आधीनता और दमन के विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दी। साध्वी जी द्वारा प्रतिभागियों की विचारधाराओं को प्रकट करने हेतु और महिलाओं के जीवन की रोज़मर्रा की चुनौतियो के परामर्श हेतु एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया।

इस सत्र के उपरान्त, संतुलन के उत्साही स्वयंसेविकाओं द्वारा “मैं एक नारी हूँ, क्या ये अपराध है?” पर आधारित एक प्रेरणादायी नाटिका प्रस्तुत की गयी। नाटिका में लिंग असमानता के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया जैसे कन्या भ्रूण ह्त्या, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, निर्णय लेने की शक्ति, इत्यादि। नाटिका के बाद साध्वी जी ने प्रतिभागियों के साथ चर्चा की जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार नारी के जीवन के हर चरण में लिंग आधारित रूड़ीवादिता प्रचलित है, फिर चाहे वो नन्ही बालिकाओं के लिए डॉल और किचन सेट जैसे खिलोनो का चुनाव हो या नारी के निर्णय लेने की क्षमता को अनदेखा करना।
साध्वी जी ने आगे कहा कि महिलाएं आज भी हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन उनके लिए सामाजिक नियम अभी भी नहीं बदले हैं। इसके बाद, अंतिम समाधान देते हुए साध्वी जी ने सभी के समक्ष निर्भीक सशक्तिकरण स्वरुप - ‘महिषासुर मर्दिनी’ की गाथा को रखा। साध्वी जी ने महिषासुर मर्दन के पीछे छिपे वैज्ञानिक और अध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया और बताया कि किस प्रकार माँ दुर्गा अपनी क्षमता को कम आंकने वाली शैतानी मानसिकता को नष्ट करने में सक्षम रहीं; और ऐसा ही सशक्तिकरण वर्तमान समय में भी किस प्रकार् स्थापित किया जा सकता है, जिससे नारी अपनी खोयी गरिमा को पुनः प्राप्त कर पाएगी। साध्वी जी ने कहा कि ‘आत्म साक्षात्कार’ हर प्रकार के लैंगिक अन्याय का एकमात्र उपचार है।

Santulan inflates notion against Gender Stereotyping  among the students of Bharati College, University of Delhi

इसके आलावा, कार्यक्रम में लिंग आधारित मुद्दों को उजागर करते हुए रोचक पोस्टर भी लगाए गए, जो कई प्रतिभागियों के आकर्षण का केंद्र बनें। अंत में कॉलेज की प्रधानाचार्या और प्रतिनिधि द्वारा वोट ऑफ़ थैंक्स नोट के माध्यम से दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया गया।

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