दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 17 और 18 दिसंबर, 2022 को नूरमहल आश्रम, पंजाब में 2 दिवसीय ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। डीजेजेएस का उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान- ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से सभी सामाजिक बुराइयों को दूर कर इस विश्व को शांतमय और खुशहाल बनाना है। लगभग 2,000 ब्रह्मज्ञानी साधकों ने विश्व शांति के लिए अपनी सकारात्मक ऊर्जा का योगदान देने के लिए ध्यान शिविर में भाग लिया।
संस्थान प्रतिनिधियों द्वारा प्रसारित आध्यात्मिक प्रवचनों ने शिष्यों को मोक्ष मार्ग पर तेज़ गति से निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों ने समझाया कि अधिकांश विश्वव्यापी प्रणालियाँ प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से मानव द्वारा ही प्रभावित हैं। इसलिए दुनिया में बदलाव लाने के लिए हर इंसान में बदलाव लाने की जरूरत है। और यह परिवर्तन मनुष्य के आत्मिक स्तर से शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि आत्मा ही मानव का परम आधार है। कोई भी शैक्षणिक ज्ञान या बाहरी प्रक्रियाएं व्यक्ति के व्यवहार को बदलने में कारगर साबित नहीं हो सकतीं।
हमारे सभी शास्त्रों ने एक स्वर में आत्मा के जागरण की बात स्वीकारी है। यह आंतरिक जागृति केवल ब्रह्मज्ञान के सनातन विज्ञान द्वारा ही संभव है। वर्तमान समय के पूर्ण आध्यात्मिक सतगुरु ही इस दुर्लभ और पवित्र दिव्य ज्ञान को प्रदान करने के एकमात्र अधिकारी हैं। इसलिए, ऐसे दिव्य गुरु को खोज कर उनकी शरण में जाकर इस ज्ञान को अवश्य प्राप्त करना चाहिए। यहां एक और मुख्य तथ्य है कि ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान सभी मनुष्यों के जीवन की एक आधारभूत आवश्यकता है, चाहे वह बच्चे हों, युवा हों, अथवा वृद्ध हों। आज दुनिया में हम हर जगह अपराध, अवसाद, चिंता इत्यादि के अनगिनत मामले पढ़ते और सुनते हैं। विचार करने पर समझ आता है कि सभी समस्याओं का मूल कारण “मन” ही है। दरअसल, सारी समस्याएँ मनुष्य के मानसिक स्तर से ही उत्पन्न होती हैं। अतः इस अनियंत्रित मन के घोड़ों को वश में करना अनिवार्य है। ब्रह्मज्ञान पर आधारित ध्यान मन को नियंत्रित करने के लिए चाबुक के रूप में कार्य करता है। नियंत्रित व शांत मन से ही शांति प्रसारित हो सकती है। सत्य है कि एक शांत और नियंत्रित मन, भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया दोनों में सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए अहम भूमिका निभाता है।
श्री आशुतोष महाराज जी के तत्वाधान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान अपने निर्धारित लक्ष्य “आत्म-जागृति से विश्व शांति तक” को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। डीजेजेएस के प्रतिनिधियों द्वारा सांझा किए गए ज्ञानवर्धक अनुभवों ने सभी शिष्यों को प्रेरित किया। भजन संकीर्तन व मंगल आरती के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।