भारत के पावन पर्वों में 'शरद पूर्णिमा' का विशेष स्थान है। यह पर्व आध्यात्मिक और वैज्ञानिक, दोनों ही स्थरों पर बहुत महत्वपूर्ण है। शरद पूर्णिमा की रात की चांद के किरणों की असाधारण औषधीय गुणों से समृद्ध होती है और इसकी किरणें लंबे समय से चली आ रही सांस की बीमारियों और एलर्जी जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पुरानी खांसी, सर्दी, साइनस आदि को ठीक करने और रोकने के लिए लाभकारी मानी जाती हैं।
हर वर्ष की तरह डी.जे.जे.एस आरोग्य ने शरद पूर्णिमा ‘22 को बड़े उत्साह के साथ मनाया। डीजेजेएस कई वर्षों से अपने पुराने और नए आगंतुकों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए इस पवित्र त्योहार को मनाता आ रहा है।
निम्नलिखित डीजेजेएस आरोग्य केंद्रों ने इन शिविरों की सफलतापूर्वक मेजबानी की:
1. फ्रेस्नो, कैलिफ़ोर्निया
2. पंजाब : नूरमहल और डबवाली मल्को की
3. दिल्ली: दिव्य धाम (कुतुब गढ़)
4. हरियाणाः कुरुक्षेत्र
5. बिहारः सहरसा
6. मध्य प्रदेशः भोपाल
7. कर्नाटकः बेंगलुरु
8. महाराष्ट्र: चाकन, नागपुर, लातूर और अमरावती
9. उत्तराखंडः देहरादून और पिथौरागढ़
10. राजस्थानः जयपुर और जोधपुर
11. तमिलनाडुः चेन्नई
12. उत्तर प्रदेश: मेरठ, गाजियाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, प्रयागराज, अलीगढ़ और बरेली
देसी गाय के दूध से औषधीय जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार की गई खीर को उपस्थित लोगों को सामूहिक ओम-जाप और एक सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद वितरित किया गया।
इन शिविरों में लाभार्थियों ने विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सकों से स्वास्थ्य परामर्श भी लिया। एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने की आवश्यकता और तरीकों पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ डॉक्टरों द्वारा ज्ञानवर्धक स्वास्थ्य वार्ता भी आयोजित की गई। विश्व स्तर पर शिविर से उनके जीवन के सभी क्षेत्रों के लाखों लोगों ने भाग लिया और लाभान्वित हुए।