किसी भी सिद्धांत का प्रतिपादन, प्रयोग के अभाव में व्यर्थ है, ठीक इसी प्रकार वेदों में निहित ज्ञान भी अनुभव का विषय है और उनका वास्तविक महत्व उसमें निहित ज्ञान के अनुभव के बाद ही प्राप्त हो सकता है। 7 फरवरी, 2019 को कुंभ मेले, प्रयागराज में परमार्थ निकेतन शिविर में वैदिक धरोहर के महत्व एवं राष्ट्र और विश्व में वैदिक शिक्षा की आवश्यकता को लेकर "शिक्षा का भारतीयताकरण" नामक एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भाग लेने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान को भी आमंत्रित किया गया जिसकी ओर से साध्वी दीपा भारती जी ने इस गोष्ठी में भाग लिया एवं वहाँ उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसके पास ज्ञान का अतुलित भंडार है। इसकी धरोहर, धार्मिक ग्रंथों में निहित ज्ञान द्वारा समाज का प्रत्येक क्षेत्र, राष्ट्र का हर एक कोना, संपूर्ण विश्व लाभान्वित हो सकता है।
साध्वी जी ने आगे कहा कि ज्ञान, चाहे वो प्रचीनकालिक हो या समकालीन वास्तविक अनुभवों पर आधारित होते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे विज्ञान के सभी सिद्धांत अनुप्रयोग पर आधारित होते हैं। बिना अनुभव का ज्ञान सिर्फ अंधानुकरण कहलाता है और ज्ञान के अनुभव का सबको अधिकार है किन्तु किसी भी ज्ञान को प्राप्त करने उसे अनुभव करने का माध्यम है उसे एक ऐसे व्यक्तित्व से प्राप्त करना जो उस विषय में पारंगत हो। ठीक यही बात आध्यात्म के क्षेत्र में भी लागू होती है। भारतीय इतिहास में गुरु शिष्य परंपरा के ऐसे अनेको उदहारण है जहाँ एक शिष्य ने पूर्ण गुरु की शरणागत हो उस ईश्वर को प्राप्त किया है। वो परमसत्ता सदैव मानव को ब्रह्मज्ञान से लाभान्वित करने हेतु इस संसार में सद्गुरु रूप में अवतरित होती है।
साध्वी जी ने आगे समझाया कि भारत आध्यात्म की जननी है और प्राचीनकाल से ही सम्पूर्ण विश्व को भारत ने ही इस महान ज्ञान से परिपूर्ण किया है। ब्रह्मज्ञान ही वो माध्यम है जिससे हम वेदों, शास्त्र ग्रंथों में लिखे गूढ़ रहस्यों को समझ पाएंगे। उन्होंने बताया कि इस महान ब्रह्मज्ञान द्वारा ही संत महापुरुष , समाज में राष्ट्र एवं सम्पूर्ण विश्व से बुराई रुपी कालिमा का अंत कर उसे प्रकाशमान करते है। ब्रह्मज्ञान की लौ व्यक्ति के भीतर की बुराइयों को ध्वस्त कर उनके भीतर वसुधैव कुटुंबकम की भावना का सृजन करती है। ब्रह्मज्ञान के माध्यम से ही मानव आत्मजागृत हो अपने जीवन के वास्तविक मूल्य को समझ पाता है और अपने जीवन एवं समाज को एक नयी दिशा प्रदान करता है।