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भगवान शिव - ब्रह्मा , विष्णु , महेश की पवित्र त्रिमूर्ति में से एक हैं , जिन्हें कई नामों से जाना जाता है अघोरी,  भोलेनाथ , महेश्वर, नीलकंठ,  महादेव इत्यादि I वह सृजक  भी हैं और संहारक भी I  बहुआयामी भगवान् शिव ज्ञान के दाता हैं I

Shiv Katha Encouraged to Adopt Learnings from Life of Lord Shiva at Bathinda, Punjab

भगवान शिव लीला के पीछे छिपे ज्ञान, कर्म, भक्ति और आध्यात्मिक रहस्यों को भक्तों के समक्ष उजागर करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 18 से 20 फरवरी 2020 तक बठिंडा, पंजाब में शिव कथा का आयोजन किया गया I

कथा व्यास साधवी दिवेशा भारती जी ने समझाया कि भगवान शिव की प्रत्येक लीला मानव को गहन अर्थ समझाती है, जिस प्रकार उनके  साधारण वेशभूषा धारण करने पर भी वह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को नियंत्रित किये हुए हैं ठीक इसी प्रकार जीवन में कम साधन होने का तात्पर्य यह नहीं कि आप एक शक्तिशाली और उत्पादक जीवन नहीं जी सकते I  धन या संपत्ति से जुड़ाव मात्र  शारीरिक, मानसिक और  भावनात्मक रूप से बाँधता है I अधिक महत्वपूर्ण एक ऐसे जीवन का निर्माण करना है जो उसे आंतरिक आनंद व शांति प्रदान करे I

Shiv Katha Encouraged to Adopt Learnings from Life of Lord Shiva at Bathinda, Punjab

आगे साध्वी जी ने विस्तार से बताया कि शिव की शीतलता ब्रह्माण्ड के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है I  क्रोध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है यह मात्र मानव को पतन की ओर ले जाता है I वहीँ आतंरिक शांत  स्थापित होने पर एक नया दृष्टिकोण भी प्राप्त होता है तथा सही गलत चुनाव करने पर मदद मिलती है I

कार्यक्रम में श्रद्धालुओं  ने उत्साहवर्धक आभार व्यक्त किया I  क्षेत्र के लोगों ने आध्यात्मिकता की  गहन समझ प्राप्त की I  कार्यक्रम की एक बड़ी सफलता रही  जिसने लोगों के हृदयों में ईश्वर को जानने की तीव्र इच्छा  प्रदान की I

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