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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 6 से 10 जून 2018 तक हरियाणा के फरीदाबाद में पांच दिवसीय शिव कथा का आयोजन किया गया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी लोकेशा भारती जी ने कथा का वाचन किया।

Shivatva Comprehended through Shiv Katha for the Disciples of Faridabad, Haryana

भगवान शिव सर्वोच्च शक्ति है और सम्पूर्ण ज्ञान के स्वामी हैं। वह सर्वज्ञ, सर्वव्यापी और पूरे ब्रह्मांड के रक्षक है। भगवान शिव को सृष्टि का संहारक कहा जाता है परन्तु उनके द्वारा विनाश भी सृजन का आरम्भ है। जीवन रूपी नदी सृजन और विनाश के दो किनारों के बीच अनवरत बहती रहती है। भगवान शिव सदैव से मानव जाति का मार्ग प्रशस्त करने हेतु शिक्षा प्रदाता हैं। उन्होंने अपने वस्त्र-अलंकारों द्वारा भी समाज का शिक्षण किया है। उनके द्वारा सर्पों के आभूषण संसार की माया के प्रतीक है और भगवान् के मस्तक पर सुशोभित तृतीय नेत्र उस दिव्य नेत्र का प्रतीक है जो ईश्वर दर्शन की प्राप्ति का मार्ग है।

कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान शिव के चरणों में वंदना से हुआ। कथा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति को चिह्नित किया। भगवान शिव की महिमा, स्तोत्र और तांडव आदि गीतों ने लोगों के भीतर भक्ति का संचार किया। साध्वी लोकेशा भारती जी ने माथे पर सक्रिय तीसरी आंख और इसे आध्यात्मिक गुरु की दिव्य शक्ति के माध्यम से कैसे प्राप्त किया जा सकता है, इसके महत्व को समझाया। उन्होंने लोगों को यह समझाया कि प्रत्येक क्षण कितना महत्वपूर्ण है और श्वास के प्रत्येक चक्र के माध्यम से भगवान से जुड़ना कितना महत्वपूर्ण है।

Shivatva Comprehended through Shiv Katha for the Disciples of Faridabad, Haryana

कथा के दौरान श्रोताओं ने संस्थान की सामाजिक व आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़ने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। अनेक भक्तों ने ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर दर्शन को भी प्राप्त किया।

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