वास्तविक भक्ति के बिना की गई प्रार्थना तथा पूजा पूर्ण नहीं होती हैl वास्तविक भक्ति ही मुक्ति का एकमात्र साधन हैl जिस प्रकार लोहे का टुकड़ा पानी में डूब जाता है परन्तु जब उसी टुकड़े को पीट कर नाव का रूप दे दिया जाए तो वही हमें नदी को पार करने में सहायक बन जाता हैl
आध्यात्मिक सन्देश देने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान द्वारा 24 मार्च 2019 को बटाला, पंजाब में भक्ति संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl आध्यात्मिकता से ओतप्रोत भजनों ने लोगो को मंत्रमुग्ध कर उनके हृदयो एवं मनो को हर्ष और उल्लास से भर दियाl कार्यक्रम से प्रभावित हो लोगो में ईश्वर को जानने की भावना प्रकट हुईl
साध्वी जयंती भारती जी ने आध्यात्मिक जगत से सम्बंधित अनेक तथ्यों को उजागर कियाl 'श्री गुरुवेः नमः' आयोजित कार्यक्रम के द्वारा उपस्थित लोगो में यह जाग्रति लाई गई की जब जीवन में पूर्ण गुरु का पदार्पण होता है तो वह मस्तक पर हाथ रखकर दशम द्वार खोल भीतर ही ईश्वरीय अनुभूतियों का दर्शन कराते है जो कि मानव जीवन का लक्ष्य हैl इस ज्ञान के माध्यम से ही मनुष्य अपने अंदर निहित असीम शक्तियों को पहचानकर परमानन्द को प्राप्त कर सकता है l
पूर्ण गुरु के सानिध्य में प्रत्येक शिष्य सही दिशा की ओर अग्रसर होता हैl 'ब्रह्मज्ञान' अर्थात ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति के पश्चात ही जीवन में भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित होती हैl यह ज्ञान मात्र शारीरिक स्तर पर ही नहीं बल्कि आत्मिक स्तर पर भी परिवर्तन लाता हैl
कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मानव जीवन के वास्तविक लक्ष्य से परिचित करवाया गया तथा उन्हें आत्मचिंतन हेतु प्रेरित भी किया गयाl