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भक्तों के आध्यात्मिक उत्थान हेतु, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 25-29 अप्रैल, 2022 तक पठानकोट, पंजाब में श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा में कई गणमान्य व्यक्ति और भक्त उपस्थित हुए। कथा का शुभारम्भ भगवान श्री कृष्ण की स्तुति व भक्ति रचनाओं के गायन से हुआ। गुरुदेव की शिष्या कथाव्यास साध्वी सुमेधा भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के महत्वपूर्ण पक्षों को उजागर किया व भक्तों के समक्ष श्री कृष्ण के बहुमूल्य शिक्षा रत्नों को प्रकट किया।

Shri Krishna Katha accentuated the Spiritual Opulence of Devotees at Pathankot, Punjab

साध्वी जी ने समझाया कि हमारे प्राचीन आध्यात्मिक दर्शन के दिव्य उपदेशक के रूप में श्री कृष्ण ने आत्म-जागृति हेतु शाश्वत ज्ञान या ‘ब्रह्मज्ञान’ प्राप्ति की अनिवार्यता को स्पष्ट किया है। ब्रह्मज्ञान द्वारा व्यक्ति की सर्वोच्च चेतना को जागृत किया जा सकता है। एक आदर्श गुरु के रूप में श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने कर्म पथ से विचलित नहीं होने दिया। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति के उपरान्त ही विश्वास करने का उपदेश दिया। साध्वी जी ने बताया कि समय के पूर्ण गुरु द्वारा ‘ब्रह्मज्ञान’ के सनातन विज्ञान में दीक्षित होने के बाद ही हम जीवन में वास्तविक शांति का अनुभव कर पाते हैं।

साध्वी जी ने कहा – यदि हम चाहते हैं कि जिस तरह भगवान ने अर्जुन की रक्षा की, उसी तरह वे हमारी भी रक्षा करें, तो उसके लिए आवश्यक है कि हम भी श्री कृष्ण के समान पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की शरण लें। दिव्य गुरु की दिव्य कृपा द्वारा भगवान के वास्तविक रूप को देखा जा सकता है। सतगुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान ही अज्ञान की कालिमा को मिटा, शिष्यों को पवित्रता से प्रकाशित कर, ज्ञान के मार्ग पर सुदृढ़ बनाता है। उपस्थित अतिथि और भक्त अध्यात्म जगत के महान तथ्यों को जान कर अभिभूत हुए और उन्होंने डीजेजेएस के प्रयासों की भरसक प्रशंसा की।

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