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प्रौद्योगिकी एवं आधुनिकरण के युग में आज हम कहीं ना कहीं, भगवत गीता में निहित संदेशों को भूलते जा रहे हैं। कृष्ण कथा एक उपयुक्त माध्यम है हमारे धर्म शास्त्रों में निहित संदेशों को समझने का। भगवान श्री कृष्ण एक परमसत्ता है जो सम्पूर्ण सृष्टि की चेतना का आधार है। श्री कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन दर्शन प्रेरणा है मानव समाज के लिए जो कि चिर स्थायी आनंद के साथ एक आदर्श जीवन जीने का सन्देश देता है। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य सानिध्य में पंजाब के भंटिडा क्षेत्र में 30 अक्टूबर से 3 नवंबर 2019 तक पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया जहाँ कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन चरित्र एवं उनकी लीलाओं के पीछे छिपे आध्यात्मिक एवं गूढ़ रहस्यों को सांझा किया।

Shri Krishna Katha at Bathinda Highlighted the Need of Spiritual Awakening as the Key to Eternal Happiness

साध्वी जी ने प्रभु श्री कृष्ण के प्रमुख सिद्धांत आत्म जाग्रति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य आत्म जाग्रति है। मनुष्य के जीवन के सभी दुःख, वेदना, तृष्णा, लालसा एवं अन्य सभी व्याधियों की एक मात्र एवं अचूक औषधि ब्रह्मज्ञान ही है जिसके माध्यम से मनुष्य आत्म उन्मुखीकरण की ओर अग्रसर होता है। ब्रह्मज्ञान प्राप्ति के बाद ही मनुष्य का विवेक जाग्रत हो पाता है और वह भौतिकी चकाचौंध एवं भ्रमों से दूर धर्म के सही पथ की ओर अग्रसर हो पाता है। अज्ञानता एवं मोह ग्रसित अर्जुन का भी भगवान श्री कृष्ण ने ब्रह्मज्ञान प्रदान कर ही विवेक जाग्रत किया था। भगवत गीता के रूप में भगवान ने स्वयं कर्म, भक्ति, उपासना एवं आध्यात्मिकता के वास्तविक सूत्र मानव समाज को प्रदान किये हैं। 

साध्वी जी ने समझाया कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति केवल ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु की शरणागति द्वारा ही संभव है। परमात्मा दर्शन का विषय है। एक पूर्ण सतगुरु अपने शिष्य को दिव्य नेत्र प्रदान कर उसे धर्म एवं भक्ति के सही मार्ग की ओर प्रशस्त करते हैं।  ब्रह्मज्ञान की दिव्य कला के माध्यम से ही आध्यात्म जगत की सूक्ष्म एवं गूढ़ रहस्यों को समझा जा सकता है। ध्यान-साधना की गहराइयों में मनुष्य के विकार धीरे धीरे ज्ञान अग्नि में स्वाहा हो जाते हैं एवं उसके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आत्म उन्नति से ही मनुष्य अपने चित्त एवं तन को सभी विकारों से दूर रख जीवन में विकास और उन्नति के पथ की ओर बढ़ता है।  पांच दिवसीय इस कथा का सभी ने आनंद उठाया।

Shri Krishna Katha at Bathinda Highlighted the Need of Spiritual Awakening as the Key to Eternal Happiness

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