मानव आज जीवन के उतार-चढ़ाव रूपी दलदल में उलझता हुआ, प्रत्येक कर्म को लाभ या हानि के पैमाने पर तौलता है। वर्तमान परिवेश में मानव भौतिकता द्वारा जीवन में शांति प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि हमने इस तथ्य को विस्मृत कर दिया कि भौतिक संसार का अस्तित्व छाया के समान है जो हर पल बदलता रहता है। वहीँ दूसरी ओर एक भक्त, ईश्वर की प्राप्ति के मार्ग पर अपने क़दमों को बढ़ाकर प्रभु के शाश्वत प्रेम और शांति को प्राप्त करता है।
भगवान श्री कृष्ण का कथन है- "एक आध्यात्मिक गुरु की कृपा द्वारा मानव क्षणभंगुर संसार की भ्रामक प्रकृति को समझ सकता है। जब कोई व्यक्ति सांसारिक सभी इच्छाओं का त्याग करता है, तो वह शाश्वत आनंद को पा लेता है।” भगवान श्री कृष्ण के अवतरण और उनकी लीलाओं के सर्वोच्च संदेशों को प्रगट करने के लिए, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वरा 19 से 23 फरवरी 2019 तक कपूरथला, पंजाब में “श्री कृष्ण कथा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान, परम पूज्य सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में दिव्यता के संदेश को दुनिया भर में लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने कथा का वाचन करते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक व विशुद्ध प्रेम के प्रतीक हैं। भगवान ने ब्रह्मज्ञान के माध्यम से अपने भक्तों के साथ दिव्य संबंध स्थापित किया था। ब्रह्मज्ञान रूपी धागे से ही एक भक्त हर समय भगवान से जुड़ा रह सकता है। साध्वी जी ने कई दिव्य घटनाओं व भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के आध्यात्मिक तथ्यों को रोचक ढ़ंग से रखा। श्री कृष्ण रूपी सतगुरु द्वारा ज्ञान को प्राप्त कर ही उस समय के भक्त जान पाएं कि श्री कृष्ण कोई साधारण मनुष्य नहीं अपितु ईश्वर थे। इसी तरह, आज जीवन में भी पूर्ण सतगुरु की अनिवार्यता है जो दिव्यता के साथ हमारी चेतना को प्रकाशित कर सकें। परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी अपने भक्तों पर ब्रह्मज्ञान की निर्झरी बहा, उनके तप्त हृदयों को आत्मिक प्रकाश से प्रकाशित कर रहे हैं। ब्रह्मज्ञान में समाज से सभी बुराईयों को मिटाने की शक्ति है।
कथा के मधुर और सार्थक भक्ति गीतों ने दिव्य तरंगों द्वारा दर्शकों को भक्ति पथ पर बढ़ने हेतु प्रेरित किया। इस आयोजन का उद्देश्य मानव को प्रभु के वास्तविक स्वरूप से जोड़ना रहा। संस्थान अपने सामाजिक कार्यक्रमों द्वारा समाज कल्याण व आध्यात्मिक कार्यक्रमों द्वारा ग्रन्थों में छिपे भक्ति रत्नों को समाज के समक्ष रखने का प्रयास कर रहा है।