भगवान श्री कृष्ण प्रेम और दिव्य आनंद के अवतार हैं जो सभी दुखों को नष्ट कर देते हैं। श्री कृष्ण ज्ञान के स्वामी हैं, वे सभी के हृदय से द्वेष को समाप्त कर प्रेम को स्थापित करने हेतु अवतरित हुए थे। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 24 अप्रैल से 28 अप्रैल, 2019 तक नालागढ़, हिमाचल प्रदेश में पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा का कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संत समाज व संस्थान के प्रशिक्षित संगीतकार शिष्यों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के पावन चरणों में प्रार्थना गायन से हुआ।
सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथाव्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने कथा का वाचन करते हुए वर्तमान युग में मानव में देवत्व के जागरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण मात्र किसी भौतिक सीमाओं या परिधि तक सिमित व्यक्तित्व नहीं है। भगवान कृष्ण ने मानवों के हृदय पर अपना सम्राज्य स्थापित किया था। वे उस युग के पूर्ण सतगुरु थे, जिन्होंने दिव्य ज्ञान द्वारा मानव के भीतर ईश्वर के स्वरुप को प्रगट किया।
साध्वी जी ने कहा कि मनुष्य का जीवन अनिश्चित व क्षणभंगुर है इसलिए बिना विलम्ब किए मानव को अपनी आध्यात्मिक यात्रा आरम्भ कर देनी चाहिए। एक जिज्ञासु को वास्तविक भक्ति की पिपासा को शांत करते हेतु आध्यात्मिक गुरु की खोज शुरू करनी होनी। संस्थान के द्वार हर आध्यात्मिक जिज्ञासु के लिए सदैव खुले है।
कथा ने भगवान कृष्ण के जीवन से आध्यात्मिक रत्नों को प्रकट किया व कृष्ण लीलाओं में निहित रहस्यों को उजागर किया। धर्म, ब्रह्मज्ञान, मनोविज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता आदि विषयों पर श्री कृष्ण द्वारा प्रदत्त सिद्धांत न केवल उस युग में प्रासंगिक थे, बल्कि आज के युग में भी उपयोगी हैं।
संत समाज के माध्यम से मधुर और सार्थक भक्ति गीतों के गायन द्वारा भक्तों ने आध्यात्मिक तरंगों को अनुभव किया। प्रभु दर्शन के प्रति जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन करते हुए, इस आयोजन ने अपने पवित्र उद्देश्य को पूर्ण किया। संस्थान अपने आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला द्वारा समाज में आत्म-साक्षात्कार को प्रदान कर रहा है व साथ ही सामाजिक गतिविधियों द्वारा समाज में व्याप्त गंभीर समस्याओं के निवारण हेतु अनेक कार्यक्रमों का संचालन करते हुए मानव में शांति की स्थापना कर रहा है।