ग्रंथों में निहित भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों को उजागर करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 24 से 30 अप्रैल तक श्री कृष्ण कथा की सात दिवसीय भक्ति गाथा का आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक कार्यक्रम का वेबकास्ट संस्थान के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी आस्था भारती जी ने सुंदर एवं सरल विवरण के माध्यम से श्री कृष्ण की विभिन्न दिव्य लीलाओं के बारे में भक्तों को अवगत कराया। कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चारण एवं भक्ति भावों से सुसज्जित भजनों को भी प्रस्तुत किया गया। दुनिया भर से असंख्य श्रद्धालुओं और भक्तों ने वेबकास्ट के माध्यम से कथा का लाभ उठाया।

बाल्यकाल और युवावस्था से जुड़े श्री कृष्ण के विभिन्न उपाख्यानों का वर्णन करते हुए साध्वी जी ने समझाया कि उनकी सभी दिव्य लीलाएँ गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान श्री कृष्ण के अवतरण का महिमा-मंडन करती संगीतमय गाथा को भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने पुरन्दरदास, जना बाई, नरसिंह मेहता, द्रौपदी, चैतन्य महाप्रभु और राजा मोरध्वज जैसे भक्तों के जीवन में निहित कृष्ण भक्ति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
साध्वी जी ने समझाया कि श्री कृष्ण के अनुसार जीवन का उद्देश्य ‘ब्रह्मज्ञान’ के अभ्यास द्वारा अपने अंतःकरण को शुद्ध करना है। श्री कृष्ण के ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के उद्देश्य की पूर्ति एवं अंतःकरण को रूपांतरित करने के लिए ब्रह्मज्ञान अत्यधिक आवशयक है। आध्यात्मिक जागृति शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक संतुलन प्रदान करने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मविकास और आत्म-जागरण की ओर भी उन्मुख करती है।

कार्यक्रम को सारांशित करते हुए साध्वी जी ने समझाया कि श्री कृष्ण द्वारा दर्शायी नीतियाँ एवं सिद्धांत मानव को आदर्श जीवन जीने का मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। मन की स्थिरता, शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति के लिए सत्य की अनुभूति होना अनिवार्य है, जैसा कि स्वयं भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य नेत्र प्रदान कर दर्शाया है। केवल पूर्ण सतगुरु ही भगवान श्री कृष्ण से जुड़ने की उस दिव्य विधि को जनाने में सक्षम होते हैं। वह ही जिज्ञासु आत्माओं के हृदयों में आत्मा के शाश्वत रूप को ब्रह्मज्ञान द्वारा स्थापित करते हैं। यह आंतरिक जागृति पिपासु आत्माओं की आध्यात्मिक क्षुधा को शांत करती है। तत्पश्चात सतत साधना द्वारा सत्पथ पर चलते हुए उनकी आध्यात्मिक संपत्ति एवं आत्म-निरीक्षण रूपी गुण में भी वृद्धि होती है।
कथा से जुड़े सभी श्रद्धालुजन एवं कृष्ण अनुयायी भावपूर्ण भजनों सहित भगवान श्री कृष्ण के जीवन से दिव्य संदेशों एवं प्रेरणाओं को प्राप्त कर मंत्रमुग्ध हो उठे। कार्यक्रम के अंत में, भक्तों ने ध्यान साधना द्वारा सामूहिक रूप से मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए प्रभु चरणों में प्रार्थना अर्पित की।