दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जगराओं, पंजाब में श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। स्थानीय लोगों को श्री कृष्ण महिमा की सत्यता से परिचित करवाने हेतु 5 से 9 फरवरी 2020 तक इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया। आसपास के क्षेत्रों से भक्त और अनुयायी बड़ी संख्या में कथा द्वारा लाभान्वित हुए। भव्य व विशाल मंच पर कथा का शुभारम्भ ब्रह्मज्ञानी वेद-पाठियों द्वारा वेद-मंत्रोच्चारण से हुआ। इस कार्यक्रम को भजनों, भक्ति रचनाओं और सरस संगीत प्रस्तुतियों के साथ समृद्ध किया गया।
युगों से भगवान श्री कृष्ण को अथाह ज्ञान, धार्मिकता, दिव्य प्रेम और भक्ति का प्रतीक स्वीकार किया गया है। श्री कृष्ण सर्वज्ञ, सर्वव्यापी और कल्याणकारी हैं, वेदों में उन्हें सभी का रक्षक कह कर सम्बोधित किया गया है। श्री कृष्ण अवतार द्वारा मानव व समाज को संतुलित जीवन, कर्मठता व सत्य मार्ग का अनुसरण आदि अद्वितीय संदेश प्राप्त हुए हैं। भगवान श्री कृष्ण का चरित्र एक आदर्श जीवन जीने, मोक्ष, धर्म और आत्मिक आनंद प्राप्त करने हेतु उत्कृष्ट पथ-प्रदर्शक हैं। श्री कृष्ण कथा, भगवान कृष्ण की सभी लीलाओं के अंतर्निहित अर्थ को भक्तों के समक्ष सरस व तार्किक ढ़ंग से प्रस्तुत करती है।
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथाव्यास साध्वी मनस्विनी भारती जी ने कथा वाचन द्वारा श्री कृष्ण जीवन की लीलाओं को मानव जीवन के सभी चरणों और परिस्थितियों से तुलना करते हुए, भक्तों के समक्ष रखा। साध्वी जी में भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का वर्णन करते हुए बताया कि श्री कृष्ण द्वापुर युग के पूर्ण सतगुरु थे, जिन्होंने अपने अनुयायियों को ब्रह्मज्ञान द्वारा घट भीतर ईश्वर के वास्तविक सत्य से परिचित करवाया। सच्ची भक्ति तभी संभव है जब मनुष्य स्वयं को पूर्ण गुरु के चरणों में समर्पित कर, उनसे ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्राप्त करें। इसी प्रक्रिया द्वारा व्यक्ति अपने जीवन के परम लक्ष्य को जान सकता है। इस कार्यक्रम को भजनों और सरस भक्ति गीतों के साथ समृद्ध किया गया। भौतिकवादी संसार से लोगों के मन को विलग कर, प्रभु चरणों से जोड़ने हेतु मधुर भजनों ने रामबाण के रूप में काम किया।
इस आध्यात्मिक कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मिक जाग्रति द्वारा ऐसे समाज की परिकल्पना को साकार करना है, जहाँ सभी लोग शांति और सद्भाव की आनंदमयी छाँव के नीचे बसते हों। एकल वैश्विक परिवार के रूप में ऐसी दुनिया जिसमें सभी एक साथ शांति, सुरक्षा और स्वतंत्रता का अनुभव कर सके। कार्यक्रम के समापन दिवस श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए प्रार्थना भी की।