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सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन व कृपा द्वारा जम्मू में 29 मई से 2 जून 2019 तक पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथाव्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने  त्रेतायुग में अवतरित भगवान श्री राम के अनेक रहस्यों को प्रगट किया। साध्वी जी ने बताया कि प्रभु कार्य को सिद्ध करने हेतु मुक्त जीवात्माएं धरा पर जन्म स्वीकार करती हैं। वे शुद्ध आत्माएं बादलों से आती शुद्ध बारिश की बूंदों के समान पृथ्वी पर उतरती हैं। वे अपनी कृपा और करुणा द्वारा पीड़ित समाज को आनंद प्रदान करते हैं। भगवान श्री राम भी महान व्यक्तित्व है जिन्होंने जन साधारण को क्रूर राक्षसों से बचाने और ईश्वर पर भक्तों के विश्वास को पुनः  स्थापित किया।

Shri Ram Katha at Jammu Emphasized the Need of Brahm Gyan as the Key to Uplift Humanity

भगवान श्री राम ने असुरराज रावण के आतंक को समाप्त करने हेतु वानरों की सेना को   महान लक्ष्य प्रदान किया,  ताकि पृथ्वी को पापी रावण से मुक्त किया जा सके। भगवान राम ने उन्हें दिव्य ज्ञान और प्रेम प्रदत्त किया। श्री राम जी की सेना में पराक्रमी रावण को पराजित करने की शक्ति इसी असीम प्रेम से उत्पन्न हुई थी। यह सेना स्वर्ण लंका को नष्ट करने में सक्षम थी क्योंकि उनकी ओर भगवान थे।

द्वापर युग में, भगवान कृष्ण ने भी धर्म संस्थापना के उद्देश्य हेतु मथुरा की कालकोठरी को अपना जन्म स्थान चुना। समय-समय पर ईश्वर ने धरा पर अधर्म का नाश व धर्म रक्षण के लिए जन साधारण को ब्रह्मज्ञान प्रदान किया है। वर्तमान समय में, सर्व श्री आशुतोष महाराज जी विश्व में अनेक आध्यात्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से ब्रह्मज्ञान प्रदान कर रहे हैं। साध्वी गरिमा भारती जी के समान गुरुदेव के सैकड़ों समर्पित शिष्य ब्रह्मज्ञान के प्रसार में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हजारों स्वयंसेवक हैं जो सीमा पर सशस्त्र सैनिकों के समान विश्व शांति में योगदान देने हेतु निरंतर सेवारत रहते हैं।

Shri Ram Katha at Jammu Emphasized the Need of Brahm Gyan as the Key to Uplift Humanity

रामराज्य में धार्मिकता और न्याय का प्रसार था। रामराज्य को धरती पर स्वर्ग के रूप में देखा जाता है और आज भी आदर्श राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए भक्त व विवेकी जन प्रभु से राम राज्य स्थापना की प्रार्थना करते हैं। हालाँकि लंका राज्य में प्रचुर धन और सुख-संपत्ति थी लेकिन उसमे धर्म और आनंद का अभाव था, जो राम राज्य अपने निवासियों को प्रदान कर सकता था। एक सच्चे भक्त और ब्रह्मज्ञानी के पास सत्य और आनंद को प्राप्त करने का विवेक होता है।

ब्रह्मज्ञान ही विश्व शांति की कुंजी है क्योंकि यह व्यक्तिगत स्तर पर कार्य करता है। समाज की इकाई के रूप में व्यक्ति में शांति को स्थापित करने की आवश्यकता है। ब्रह्मज्ञान द्वारा प्रदान की गई ध्यान प्रक्रिया से व्यक्ति के मानसिक और बौद्धिक स्तर में विकास होता है। जिस कारण उनके व्यक्तित्व और आंतरिक शक्ति में निरंतर वृद्धि होती है। यह ज्ञान केवल एक ध्यान तकनीक नहीं है, बल्कि सभी बाधाओं से ऊपर उठने और भगवान श्री राम द्वारा बताए गए सर्वोच्च चेतना को प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ अस्त्र है।

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