दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में 4 - 8 अप्रैल 2022 तक संगरूर, पंजाब में प्रेरणादायक पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा में मुख्यता प्रभु श्री राम की दिव्य लीलाओं में निहित तत्त्वज्ञान और आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया गया जो मानव जीवन को उत्कर्ष की ओर ले जाते हैं। कथा व्यास साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन के एकमात्र उद्देश्य को समझने और आध्यात्मिक यात्रा प्रारंभ करने का उत्कृष्ट संदेश दिया।
प्रेरणाप्रद विचारों द्वारा साध्वी जी ने समझाया कि भगवान श्री राम की प्रत्येक दिव्य लीला में जीवन का उत्थान करने वाले गूढ़ आध्यात्मिक संदेश निहित हैं जो आज के मानव के लिए दिशा निर्देश बन सकते हैं। धरा पर अवतार लेकर भगवान श्री राम ने समस्त मानव जाति को धर्म एवं सिद्धांतों के अनुकूल जीवन जीने की कला सिखाई। उनके सम्पूर्ण जीवन के गहन विश्लेषण से हम भी मानवीय संबंधों को सफलतापूर्वक बनाए रखने की सीख ले सकते हैं। यहाँ तक की अयोध्या में उनका शासन- रामराज्य, आज भी सर्वोच्च शासन का प्रतीक माना जाता है।
साध्वी जी ने बताया कि हम सब भगवान राम और माँ सीता को दो भिन्न-भिन्न विभूतियाँ समझने की भूल कर बैठते हैं। जबकि शिव शक्ति की ही भांति भगवान राम और माँ सीता कभी अलग नहीं हो सकते। दोनों की भौतिक अभिव्यक्ति उनकी गहन एकता को दर्शाती है। यहाँ कुछ प्रश्न और भी उभरकर सामने आते हैं कि श्री राम अपने प्रत्येक कार्य को विवेक एवं पूर्णता से कैसे निष्पन्न कर पाते थे? प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भगवान राम और माँ सीता आत्मीय रूप से कैसे जुड़े रहे?
इन प्रश्नों का सटीक समाधान प्रस्तुत करते हुए साध्वी जी ने समझाया कि ये सभी प्रश्न हमें ‘ब्रह्मज्ञान की शक्ति’ की ओर इंगित करते हैं। वही ब्रह्मज्ञान जिसे श्री राम ने ब्रह्मर्षि वशिष्ठ जी से प्राप्त किया। ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना ही मानव मन को प्रबुद्ध कर उसे ज्ञान से भर देती है। जिसके फलस्वरूप मानव सदैव उच्च निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है। और उसके प्रत्येक उच्च निर्णय से समस्त विश्व पर कल्याणकारी प्रभाव पड़ता है।
इसी प्रकार, परमात्मा हमारे इतने समीप हैं कि हमें केवल एक ऐसे पूर्ण सतगुरु की शरण में जाने की आवश्यकता है जो हमारे दिव्य चक्षु को सक्रिय कर अंतर्घट में ही उस परम सत्य का दर्शन करवा दें। फिर हम भी अपनी भीतरी सुप्त शक्तियों को जागृत कर उनके साथ जुड़ पाएंगे जैसा भगवान श्री राम और माँ सीता ने अपने जीवन से हमें दर्शाया।
प्रेरणादायक प्रसंगों और भावपूर्ण भजनों ने उपस्थित श्रोतागणों को पाँच दिवसों तक अनवरत कथा से जोड़े रखा। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से अंतःकरण में परमात्मा का साक्षात दर्शन कराने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने सभी श्रद्धालुओं को ‘ब्रह्मज्ञान’ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। अंततः उपस्थित माननीय अतिथियों एवं श्रद्धालुओं ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामूहिक प्रयासों की अभिनंदना की।