भगवान श्री राम आदर्श पुत्र, भाई के साथ-साथ आदर्श राजा के भी प्रतीक हैं। उनकी नैतिकता और सद्गुण आज के परिवेश में भी साधारण जनता द्वारा अनुकरणीय है। भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या भी आदर्श राज्य माना जाता था। चारों तरफ खुशी थी और समाज में विकृत विकारों का प्रभाव देखने को नहीं मिलता था। आदिदैविक, आदिभौतिक या आध्यात्मिक दुःख विद्यमान नहीं था। हर ओर सत्य का साम्राज्य था। परन्तु आज कलयुग में चारों तरफ विकृति, असंतुष्टि व अशांति ही देखने को मिलती है। संतों ने समझाया कि राम राज्य मात्र त्रेतायुग तक ही सिमित नहीं है आज भी राम राज्य की स्थापना सम्भव है। विश्व शांति के महान लक्ष्य कि सिद्धि हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में बढ़ते हुए, संस्थान ने 24 मार्च से 30 मार्च 2019 तक जम्मू और कश्मीर के पलौरा में सात दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया। साध्वी सौम्या भारती जी इस कथा का वाचन किया।
साध्वी सौम्या भारती जी ने श्री राम कथा को रोचक ढ़ंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवान श्री राम के जीवन उदाहरणों द्वारा भक्ति का ऐसा प्रसार किया कि उपस्थित भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। साध्वी जी ने कहा कि भगवान राम एक आदर्श पुत्र होने के साथ-साथ अपने लोगों के लिए आदर्श राजा भी थे। उन्होंने अयोध्या के सभी नागरिकों को समान सम्मान दिया था। साध्वी जी ने कहा कि आज कलयुग में समस्याएं बहुत हैं। लेकिन अगर हम चाहें तो आज भी सतयुग की स्थापना हो सकती है। सम्पूर्ण विश्व भी अयोध्या की तरह आदर्श स्थान बन सकता है। यह स्वप्न वर्तमान के सिद्ध सतगुरु द्वारा शाश्वत ज्ञान "ब्रह्मज्ञान" के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
साध्वी जी ने भगवान श्री राम की पवित्र कथा के अनेक पक्षों व तथ्यों का वर्णन किया। सतगुरु आशुतोष महाराज जी के संगीतकार शिष्यों द्वारा आध्यात्मिक संगीत का गायन कथा का आकर्षण रहा। कथा और संगीत के संगम ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और ब्रह्मज्ञान के संदेश को सफलतापूर्वक जन-जन तक फैलाया।