दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा लुधियाना, पंजाब में 30 अक्टूबर से 3 नवंबर 2019 तक श्री राम कथा का आयोजन किया गया। साध्वी गरिमा भारती जी ने ब्रह्मज्ञान के शाश्वत तत्व द्वारा आत्मिक अनुभव हेतु सभी को आमंत्रित किया। साध्वी जी ने श्री राम कथा के गूढ़ तत्वों को सरलता से श्रद्धालुओं के समक्ष रखा। कथाव्यास जी ने अपनी प्रभावशाली व रोचक कथा प्रस्तुति द्वारा श्री राम कथा को इस रूप में प्रस्तुत किया कि सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
कथा वाचन के साथ-साथ संत समाज ने संगीतमय प्रस्तुतियों द्वारा भक्तों को अभिभूत किया। प्रत्येक दिन एक नवीन आध्यात्मिक तथ्य को जीवंत किया गया। साध्वी जी ने बताया कि यदि कोई भगवान राम का अनुभव करना चाहता है, तो उसे जीवन में एक ऐसे सतगुरु को खोजने की आवश्यकता है जो दिव्य शक्ति को अंतःकरण में प्रकट कर सके। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान के पूर्ण व सिद्ध गुरु हैं जिन्होंने अनगिनत व्यक्तियों को ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर का साक्षात्कार करवाया हैं।
भगवान श्री राम एक श्रेष्ठ आदर्श मानव रूप हैं क्योंकि उनके सभी निर्णय जीवन के आदर्श को प्रगट करते हैं। उनका उद्देश्य मानव जाति से बुराई को खत्म करते हुए, विश्व को दिव्य प्रकाश से जगमगाने का रहा। उन्होंने दुष्ट-राक्षस रावण को समाप्त कर व आध्यात्मिक रूप से जागृत उसके भाई विभीषण को लंका का राजा बनाकर इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका को पूर्ण किया। विभीषण जी ने सदैव अपने भाई को सही दिशा में निर्देशित किया। हालांकि, रावण ने कभी भी ज्ञान से भरे शब्दों को स्वीकार नहीं किया और विभीषण जी का विरोध किया।
साध्वी जी ने संस्थान द्वारा समाज उत्थान हेतु चलाए जा रहे सामजिक कार्यक्रमों को भक्तों के समक्ष रखा। संस्थान द्वारा मानव जाति को लाभान्वित करने हेतु और खोई हुई मानवता को उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विभिन्न परियोजनाएं और कार्यक्रम किए जाते हैं, जो समाज को चिरस्थायी शांति की ओर ले जाते हैं। आध्यात्मिक सभाएँ गुरु-शिष्य परम्परा का पालन करती हुई, ज्ञान प्राप्त करने की सनातन प्रक्रिया है। कथाओं द्वारा दर्शकों को अपने जीवन को सही तरीके से जीने के लिए अमूल्य मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलती है। श्री राम कथा उन लोगों का आवाहन करती है जो अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी बदलाव लाना चाहते हैं।
संस्थान, समाज में खोई हुई मानवता को पुनर्जीवित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति के महत्व से परिचित करवाते हुए, अपनी संस्कृति को अपनाने की अपील की। स्थानीय लोगों ने प्रत्येक दिन पूरे उत्साह के साथ कथा में उपस्थित हो कार्यक्रम की सफलता को चिन्हित किया।