गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 20 से 24 अप्रैल 2022 तक करनाल, हरियाणा में श्री राम कथा का आयोजन किया गया। डीजेजेएस की प्रतिनिधि व गुरुदेव की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने भगवान श्री राम की जीवन यात्रा का वर्णन करते हुए बताया कि श्री राम की प्रत्येक लीला समग्र समाज व मानव कल्याण हेतु अनिवार्य थी। उनमें आध्यात्मिक जागरण का संदेश निहित था।
साध्वी जी ने कहा कि भौतिकवाद के इस युग में, हम पैसा कमाने की मशीन बन गए हैं। परन्तु यह भी स्पष्ट है कि हम इससे “मन की शांति” नहीं खरीद सकते हैं। आज मानव पूरी तरह अपनी इच्छाओं के आधीन हैं। श्री राम कथा ने समझाया कि मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य प्रभु का अंतर्घट में दर्शन कर, वास्तविक शांति व परमानंद में स्थित होना है। कथाव्यास जी ने “भक्ति” के अर्थ को खूबसूरती से समझाया। उन्होंने कहा कि सच्ची भक्ति तभी संभव है जब एक इंसान पूर्ण गुरु के चरणों में आत्मसमर्पण कर देता है और “ब्रह्मज्ञान” को प्राप्त करता है।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री राम के पवित्र चरणों में एक प्रार्थना के साथ हुई, जिसके बाद मधुर भक्ति से ओत प्रोत भजनों को प्रस्तुत किया गया। इन सभी ने मिलकर एक शांतमय, दिव्य वातावरण बनाया। साध्वी जी ने अपने प्रवचन में ‘राम-राज्य’ के स्वर्णिम युग की महत्ता को प्रकट किया। श्री राम कथा सभी प्रकार की संकीर्णताओं से परे, समूचे समाज को भक्ति के माध्यम से मोक्ष का मार्ग प्रदान करती है। कथा में दिव्य गुरु सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत भक्ति भजनों ने भक्तों के हृदयों में दिव्य भावों का संचार किया। साध्वी जी ने जीवन में पूर्ण गुरु की आवश्यकता के बारे में बताया। कहा कि वे ही हमें जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाने के लिए “ब्रह्मज्ञान” से अवगत करा सकते हैं। कथा के अंत में सबने मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की।