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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में श्री राम कथा का आयोजन किया गयाl 16 से 22 नवंबर 2022 तक आयोजित सात दिवसीय कथा में सभी आयु के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहेंl कथा व्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने भगवान श्री राम के जीवन के उदाहरण लेकर परमात्मा संग जीवन जीने की आवश्यकता को बहुत ही सुन्दर ढंग से समझायाl 

Shri Ram Katha highlighted the necessity of Divine Knowledge in human life at Saharanpur, Uttar Pradesh

साध्वी जी ने कहा की भगवान राम का जीवन संतुलित जीवन जीने के महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालता हैl बाहरी परिस्थितियां बेशक अनुकूल हो या ना हों, परन्तु हम सभी को इस तरह से कार्य करना चाहिए जिससे न केवल हमें बल्कि सम्पूर्ण विश्व को लाभ होl किन्तु यह वास्तविकता में कैसे संभव होगा? तभी जब हम भगवान राम रूपि सर्वव्यापी चेतना (ईश्वर) का संग कर लेंगें l

भगवान राम अपने जीवन में विपरीत परिस्तिथियों का सामना करते हुए भी उनसे प्रभावित नहीं हुए l चाहे अपना महल छोड़कर जंगल में जाने का निर्णय हो या युद्ध के मैदान में कपटी रावण का सामना करना हो, वे कभी अशांत नहीं हुएl वहीँ दूसरी और आज यदि हम ईमानदारी से स्वयं का आंकलन करें तो पाएंगे की दूसरों का एक भी प्रतिकूल शब्द या कार्य हमें पल भर में अशांत और विचलित कर देता हैl कारण यह है की हम भगवान राम की तरह आतंरिक शांति से नहीं जुड़े हैं l

Shri Ram Katha highlighted the necessity of Divine Knowledge in human life at Saharanpur, Uttar Pradesh

भगवान राम ऐसी परम सत्ता थे कि जो भी उनके सानिद्द्य में आया, वह भी दृढ विश्वास से भर गया| उदाहरण के लिए- जब अंगद, रावण के दरबार में भगवान राम के शांति दूत के रूप में गए, तब रावण की सोने की नगरी देखकर लालच में नहीं आए, बल्कि वह दृढ़ता से खड़े रहे और रावण को माँ सीता को सम्मान सहित लौटाकर आत्मसमर्पण करने की चुनौती दे डालीl  

साध्वी जी ने सम्पूर्ण कथा को निष्कर्ष पर पहुंचाते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि हम सभी को भगवान राम का दर्शन करवाने वाले दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) की प्राप्ति हो सकती हैl किन्तु उसके लिए हमें पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता हैl एक पूर्ण गुरु आध्यात्मिकता के उच्च स्तर तक पहुँचने के लिए बाहरी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नहीं बोलते बल्कि ब्रह्मज्ञान (ईश्वर दर्शन) की शाश्वत तकनीक देते हैं l ब्रह्मज्ञान के माध्यम से परमात्मा को देखने की प्राचीन विज्ञान परंपरा को सदैव पूर्ण आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा जीवित रखा गया हैंl सर्व श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के एक ऐसे पूर्ण आध्यात्मिक गुरु हैं जो दीक्षा के समय ब्रह्मज्ञान प्रदान कर ईश्वर साक्षात्कार कराने का सामर्थ्य रखते हैं l दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वार सभी ईश्वर दर्शन की जिज्ञासा रखने वाले भक्तजनों के लिए सदैव खुले हैं l उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने संस्थान के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की  l

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