गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की असीम अनुकम्पा से नकोदर, पंजाब में 13 से 17 फरवरी 2019 तक 5 दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। भगवान श्रीराम की लीलाएं हमारा सही मार्गदर्शन कर हमें उचित मार्ग की ओर अग्रसर करती हैं। कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने प्रभु श्री राम के जीवन दर्शन एवं उसके पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को बहुत ही खूबसूरती से सबके समक्ष रखा। प्रभु द्वारा स्थापित बुराई पर अच्छाई का सन्देश आज भी सार्थक है। जिस प्रकार त्रेता युग में बुरी शक्तियों का अंत करने हेतु उस महान शक्ति का श्री राम के रूप में धरा पर अवतरण हुआ था, जिन्होंने तत्कालीन समस्याओं को समझ फिर उनके निवारण हेतु अपनी दिव्य लीलाओं को धारण किया था। ठीक इसी प्रकार आज के समाज में भी कई विकृतियां, बुरी शक्तियां फैली हुई है और उनके निवारण हेतु भी एक युगपुरष, एक उद्धारक की आवश्यकता है। साध्वी जी ने कहा कि मानव मन के रूपांतरण से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
वर्तमान समय में ब्रह्मज्ञान की पुरातन विद्या के माध्यम से मानव हृदय के रूपांतरण का कार्य किया जा रहा है। इससे होने वाले परिवर्तन को समाज की प्रत्येक इकाई में महसूस किया जा सकता है। आज दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान (डीजेजेऐस) के स्वयंसेवियों द्वारा जन जन तक इस ब्रह्मज्ञान के दिव्य सन्देश का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जेल, स्कूल, दिव्यांगजन, ग्रामीण, शहरी, उद्योगपति आदि समाज के हर वर्ग के हृदय के सुन्दर रूपांतरण का कार्य संस्थान द्वारा किया जा रहा है।
ध्यान साधना के निरंतर अभ्यास से मनुष्य अपनी मन की मलिनताओं से मुक्त हो प्रभु श्री राम द्वारा की लीलाओं के पीछे छिपे वास्तविक एवं आध्यात्मिक रहस्य को समझ पाता है। राम राज्य हमारे समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है एक आदर्श राज्य का, जहाँ सब व्यवस्थाओं में उचित सामंजस्य था चहुँ ओर जहाँ प्रेम, भाईचारे, धर्म एवं व्यवहारिकता का वास था। सब लोग ईश्वर के उस आत्मस्वरूप से पूर्णरूपेण भिज्ञ थे एवं आनंद पूर्वक अपना जीवन व्यतीत करते थे। ब्रह्मज्ञान के दिव्य प्रभाव से समस्त प्रजा ने अपने भीतर सद्गुणों एवं मूल्यों को धारण किया एवं एक आदर्श साम्राज्य, राम राज्य की स्थापना की थी।
श्रोतागणों ने बहुत ही ध्यान पूर्वक इस कथा को श्रवण किया। प्रेरणादायी विचारों एवं भक्तिमय भजन एवं संगीत ने इस कार्यक्रम को नए आयाम दिए। प्रत्येक मानव चाहे वह किसी भी जाति, समुदाय, वर्ग से सम्बन्ध रखता हो ईश्वर दर्शन का समान अधिकारी है अतः ईश्वर पिपासु हर एक आत्मा आमंत्रित है ईश्वर के साक्षात्कार हेतु एवं श्री गुरुदेव द्वारा निर्धारित विश्व शान्ति के लक्ष्य में अपना योगदान देने हेतु। दृढ निश्चय एवं विवेक द्वारा ही समाज में परिवर्तन लाकर एक नए युग की स्थापना संभव है।