दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में पाँच दिवसीय आत्म सुखदायक श्री राम कथा का 17 से 21 अक्टूबर 2022 तक लुधियाना, पंजाब में आयोजन किया गया | साध्वी शची भारती जी द्वारा मधुर भक्ति भाव से ओतप्रोत भजनों और भगवान श्री राम के जीवन प्रसंगों के मंत्रमुग्ध कर देने वाली लीलाओं ने सभी श्रद्धालुओं को आनंदित किया| उपस्थित समस्त श्रद्धालुओ ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामाजिक तथा आध्यात्मिक प्रयासों की सराहना की|
साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं से प्रश्न किया कि क्या आज श्री राम की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि वे पृथ्वी पर अवतार थे या फिर इसलिए कि उन्होंने जीवन भर प्रेम और सहानुभूति का मार्ग अपनाया? उत्तरस्वरूप साध्वी जी ने कहा कि देखा जाए तो ये दोनों ही बातें सही हैं | लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि श्री राम ने हर परिस्तिथि में जो निर्णय लिया वह हमारे लिए अनुकरणीय है | उनका सम्पूर्ण जीवन इस बात का प्रमाण है कि हम सब मनुष्य होते हुए भी नेक जीवन जी सकते है | माना कि मानव मन अन्धकार से भरा है| किन्तु सच्चाई यह भी है कि अगर हमारे अंतर्घट में अंधकार है, तो दिव्य प्रकाश भी है | यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस का चयन करते हैं | भगवान श्री राम की हर क्रिया हमे सीख देती है की उत्थान तब होता है जब हम अंधकार की जगह प्रकाश को चुनते हैं |
भगवान श्री राम के जीवन से हम सभी जो सबसे बड़ी सीख ले सकते है, वह यह कि किसी भी परिस्तिथि में धैर्य न खोएं या दुर्भाग्य के लिए दूसरों को दोष न दें l इसके बजाय शांत रहकर जिम्मेदारी से कार्य करें ताकि प्रत्येक कार्य से समाज को लाभ हो | उदाहरण के लिए चाहे वह अपनी माँ केकैयी के आदेश का पालन करना हो या असुर रावण से युद्ध करना हो, भगवान श्री राम भीतर से सदैव शांत रहें | श्री राम जी की आतंरिक शांति का स्रोत परमात्मा से उनका आतंरिक सम्बन्ध था | उस युग के पूर्ण गुरु वशिष्ठ जी ने श्री राम को ब्रह्मज्ञान (ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति) से दीक्षित किया था|
ब्रह्मज्ञान आज भी सभी को प्राप्य है| यह पवित्र ज्ञान आज तक सच्चे पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की परम्परा से कायम है l हमे केवल पूर्ण गुरु की कृपा और मार्गदर्शन की आवश्यकता है, क्योंकि केवल एक सच्चा आध्यात्मिक गुरु ही हमें दिव्य ज्ञान प्रदान कर सकता है | कथा को समाप्त करते हुए साध्वी जी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज मनुष्य को शांति की आवश्यकता है | शांति के बिना, सच्चे सुख व विकास की प्राप्ति नहीं हो सकती | केवल ब्रह्मज्ञानी लोगो के द्वारा किये गए कार्य ही विश्व में शांति ला सकते हैं| हम सभी को एक पूर्ण गुरु की तलाश करनी चाहिए और शीघ्र अति शीघ्र अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करनी चाहिए | ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर ईश्वर दर्शन करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वार सदैव आप सबके लिए खुले हैं |