दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 6 से 12 मई 2024 तक द्वारका, नई दिल्ली में दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक और संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में सात-दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा से एक दिन पहले 5 मई 2024 को भव्य कलश यात्रा (शांति मार्च) निकाली गई। इस यात्रा के द्वारा स्थानीय निवासियों से अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालकर कथा में भाग लेने का आग्रह किया गया।
कथाव्यास साध्वी दीपिका भारती जी ने कथा का वर्णन करते हुए दृष्टांतों के गहरे आध्यात्मिक मर्म को समझाया। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम के जीवन में अनेक कठिनाइयाँ आईं, जिनमें उनका 14 वर्षों का वनवास, रावण द्वारा उनकी पत्नी सीता का अपहरण और राजकीय कर्तव्यों का पालन करते समय आने वाले नैतिक और भावनात्मक संघर्ष शामिल थे। भगवान श्री राम नैतिकता और आदर्श आचरण के प्रतीक हैं। उनका जीवन और यात्राएं संपूर्ण रूप से सनातन धर्म, या "सनातन सत्य" के अनुसार थी।
साध्वी जी ने आगे कहा कि एक परिवर्तित समाज और उसके विस्तार से वैश्विक शांति का मार्ग केवल आध्यात्मिक रूप से जागरूक व्यक्तियों द्वारा ही प्रशस्त किया जा सकता है। हमें जीवन में शांति व आनंद से जीने की वास्तविक कला केवल समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु द्वारा ही सिखाई जा सकती है जो हमें दिव्य ज्ञान अर्थात ब्रह्मज्ञान प्रदान करते हैं। जब हम अपनी आत्मा का साक्षात्कार करके उसके साथ आंतरिक संबंध स्थापित करते हैं, केवल तभी हम अपने भीतर शांति और विश्व में शांति ला पाने में सफल होते हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित अतिथि शामिल हुए जिन्होंने संस्थान के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की। दर्शकों ने डीजेजेएस के अथक प्रयासों की सराहना की और आध्यात्मिक महत्व की भावना को स्वीकार किया। भक्ति संगीत और ज्ञानवर्धक संभाषणों ने इस अवसर को और भी समृद्ध बना दिया।
श्री राम कथा के महत्व को समझने के बाद, बड़ी संख्या में भक्त ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्राप्त करने के लिए आगे आए। साध्वी जी ने आवाहन किया कि अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने के इच्छुक सभी लोगों के लिए डीजेजेएस के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे।