भगवान के गान के रूप में प्रचलित श्रीमद भागवत कथा वास्तव में ज्ञान का अतुलित भंडार है जिसमें असंभव को भी संभव में बदलने का सामर्थ्य है। आज मानसिक शांति के लिए आकुल प्रत्येक आत्मा को धर्म एवं आध्यात्म की आवश्यकता है। "ब्रह्मज्ञान की खडग से अपने हृदय के सभी संशयों का अंत कर डालो। अनुशासन बद्ध रहो। जागो।“
भक्तों में आध्यात्म की भावना का संचार करने हेतु डीजेजेएस द्वारा पंजाब के एसबीएस नगर में 24 से 30 जून 2019 तक सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया। कथाव्यास साध्वी भाग्यश्री भारती जी ने दिव्य ज्ञान पर आधारित अपने अनुभवों के माध्यम से नवयुग आगमन की परिकल्पना को सबके समक्ष रखा।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मंत्रों के उच्चारण एवं भगवान कृष्ण के श्री चरणों की पावन स्तुति के साथ हुआ। भजनों की सुमधुर श्रृंखला ने उपस्थित जनसमुदाय को आनंद एवं शांति का अनुभव कराया और उन्हें जीवन के एकमात्र लक्ष्य को समझने के लिए प्रेरित किया।
साध्वी जी ने आध्यात्म मार्ग के अपने अनुभवों एवं जीवन परिवर्तित कर देने वाले अमूल्य सूत्रों को सबके समक्ष सांझा किया। उन्होंने बताया कि एक जागृत व्यक्ति ईश्वर के अतिरिक्त कभी किसी पर निर्भर नहीं होता।
साध्वी जी ने समझाया कि श्रीमद भागवत कथा हमें प्रेरित करती है ब्रह्मज्ञान रुपी उस दिव्य कला को जानने के लिए जो भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को प्रदान की थी। ब्रह्मज्ञान के अभाव में मानव अपने ही विनाश की ओर अग्रसर है। परमात्मा से विलग आत्मा की पुकार है ब्रह्मज्ञान। अतः यदि मानव वास्तव में अपने जीवन में आनंद को प्राप्त करना चाहता है तो उसका एक मात्र उपाय, एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु द्वारा प्रदत ब्रह्मज्ञान ही है।
इस दिव्य कथा का सभी ने पूरा आनंद उठाया एवं डीजेजेएस के कार्यकर्ताओं का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस), गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित एवं संचालित एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी एवं सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है।