गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में डीजेजेएस (दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान) द्वारा 14 से 20 अक्तूबर 2022 तक नोएडा, उत्तर प्रदेश में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा अमृत के रूप में भगवान श्री कृष्ण का आशीष प्राप्त करने हेतु असंख्य श्रद्धालुजन दूर-दूर से कार्यक्रम में पहुँचे। वातावरण में दिव्यता का संचार करते भक्ति-भावों से सुसज्जित भजनों ने कथा में उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
श्री आशुतोष महाराज जी कि शिष्या कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने श्लोकों सहित भागवत महापुराण में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भागवत कथा का उद्देश्य मात्र भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को सुनना व सुनाना नहीं है। अपितु उनकी हर लीला समाज को दिव्य संदेश प्रदान करती है। उनकी सभी लीलाएं हर वर्ग के लोगों को सामाजिक व आध्यात्मिक उत्थान की ओर प्रेरित करती हैं।
कथाव्यास जी ने कथा के मुख्य उद्देश्य को उजागर करते हुए कहा कि कथा मनुष्य को जीवन के वास्तविक व परम लक्ष्य के प्रति जागरूक कराती है। अपने जीवन काल में ईश्वर को प्राप्त कर जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त करना ही जीवन का परम उद्देश्य है। मनुष्य, जिसे ईश्वर की सबसे सर्वोच्च कृति माना जाता है- दुःख व कष्टों से भरा जीवन व्यतीत करने के लिए नहीं बना है। अपितु, वह तो ईश्वर का ही अंश है जो अपने अंदर ईश्वरीय, दैवीय गुणों को छिपाये हुए है। जैसा कि ग्रंथों में उल्लेखनीय है, समय के पूर्ण सतगुरु ही हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान करके भीतर ईश्वर का साक्षात्कार करा सकते हैं। अन्य किसी प्रकार का बाह्य ज्ञान या व्याख्यान मनुष्य के जीवन में स्थायी बदलाव नहीं ला सकता। जब हम गुरु कृपा द्वारा ब्रह्मज्ञान की ध्यान-साधना कर अंतर-आत्मा की गहराइयों में उतरते हैं, तभी अपने दुःखों से ऊपर उठ जीवन के परम लक्ष्य की ओर अग्रसर हो पाते हैं।
डीजेजेएस का सामाजिक प्रकल्प, मंथन– अभावग्रस्त बच्चों के लिए सम्पूर्ण विकास केंद्र, कथा का मुख्य बिन्दु बना। मंथन का उद्देश्य बच्चों के मूल शैक्षिक आधार को सुदृढ़ करना व नैतिक आचरण को उत्कृष्ट कर उन्हें शैक्षिक, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से पोषित करना है।
साध्वी जी ने समझाया कि हमें अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय निकाल कर जीवन के परम लक्ष्य को जानने का प्रयास करना चाहिए। और इसके लिए डीजेजेएस के द्वार हर व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान प्रदान करने के लिए हमेशा खुले रहेंगे। कथा में वैज्ञानिक, विवेकपूर्ण व ग्रंथों पर आधारित प्रासंगिक व्याख्यानों को श्रवण कर उपस्थित श्रद्धालुओं ने स्वयं को लाभान्वित महसूस किया।