दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के पावन मार्गदर्शन में 23 से 29 मई 2022 तक शिमला, हिमाचल प्रदेश में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के आध्यात्मिक संदेशों को सरल शब्दों में समझाना रहा। कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण के बहुमुखी व्यक्तित्व को प्रभावशाली ढंग से उजागर किया।
साध्वी जी ने बताया कि भगवान कृष्ण एक अद्वितीय बालक, मोहक बांसुरी वादक, सच्चे मित्र, वीर योद्धा, कुशल राजनेता व सत्ताधारी, उच्चतम योगी, परम आकर्षक अवतार और सबसे बढ़कर एक महान सतगुरु के प्रतीक हैं।
समर्पण के विषय में बताते हुए साध्वी जी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में अर्जुन से भगवान श्री कृष्ण ने कहा था, “जो लोग मेरे प्रति समर्पण भाव रखकर अपनी पूर्ण भक्ति मुझ पर स्थापित करते हैं और मुझमें लीन मन से मेरी पूजा करते हैं, वो अंततः मुझे ही प्राप्त होते हैं।“
भगवान श्री कृष्ण ने अधर्म को नष्ट करने व धर्म की रक्षा के लिए इस दुनिया में अवतार लिया। साध्वी जी ने दिव्य अवतरण के पीछे के सर्वोच्च आध्यात्मिक विज्ञान का भी रहस्योद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य ज्ञान दिया और उसे देह के भीतर ही भगवान के वास्तविक साम्राज्य का अनुभव कराया। केवल ब्रह्मज्ञान के माध्यम से ही मानव भगवान के साथ शाश्वत संबंध स्थापित कर अपने मन को उनके चरण कमलों पर स्थिर कर सकता है।
जीवन में परिवर्तन लाने वाली अनेक प्रेरणाओं को पाकर, कथा में उपस्थित सभी भक्त श्रद्धालु लाभान्वित हुए। संस्थान ने एक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन के रूप में श्री आशुतोष महाराज जी की दिव्य कृपा के तहत ‘ईश्वरीय ज्ञान’ प्राप्त करने और दिव्य आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने के लिए सच्चे जिज्ञासाओं को आमंत्रित करने का एक ईमानदार प्रयास किया। इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद गणमान्य अतिथियों और दर्शकों ने स्वयं को धन्य महसूस किया।