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दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा विकासपुरी, नई दिल्ली में 13 से 19 मई  2024 तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। विकासपुरी और आसपास के क्षेत्रों के भक्तों ने इस 7 दिवसीय कार्यक्रम द्वारा भगवान श्री कृष्ण की दिव्य कृपा का अनुभव किया। कथा व्यास साध्वी आस्था भारती जी ने अपने ओजस्वी विचारों से भगवान कृष्ण के दिव्य उपदेशों को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से सुनाया। आत्मा को तृप्त करने वाले मधुर भजनों की श्रृंखला ने भी संपूर्ण वातावरण को कृष्णमयी बना दिया। साध्वी जी ने भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं को समझाया और साथ ही साथ आज की दुनिया में श्रीमद् भागवत की प्रासंगिकता का वर्णन भी किया।

Shrimad Bhagwat Katha enlightened the path to Self-realization for the devotees at Vikaspuri, New Delhi

शांतमय जीवन को पाने के लिए ईश्वर के तत्त्व स्वरूप को जानना आवश्यक है। श्रीमद्भागवत हमें अनेकानेक दृष्टांतो के माध्यम से स्पष्ट बताती है कि श्री कृष्ण ने भी द्वापर युग में असंख्य लोगों को ब्रह्मज्ञान प्रदान किया था और ईश्वर के तत्त्व स्वरूप का दर्शन कराया था।

साध्वी जी ने श्रीमद् भागवत के अनेकों श्लोकों के साथ कथा का वाचन किया। उन्होंने श्री कृष्ण की विभिन्न भूमिकाओं के विषय में बताया। श्री कृष्ण को हम एक ग्वाले, गुरु संदीपनी के आज्ञाकारी शिष्य, द्वारका के एक महान राजा, द्रौपदी के दिव्य रक्षक, सुदामा के परम मित्र, एक गूढ़ दार्शनिक व निपुण बांसुरी वादक के रूप में देख सकते हैं। एक बहुमुखी व्यक्तित्व को चित्रित करने वाले, सबसे बढ़कर वे ब्रह्मज्ञान प्रदान करने वाले एक महान सतगुरु हैं। साध्वी जी ने भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं में छिपे गूढ़ आध्यात्मिक एवं सामाजिक संदेशों को बड़ी ही खूबसूरती से समझाया। एक महान गुरु के रूप में, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन और ब्रज की कई गोपियों को योग, भक्ति और कर्म का सर्वोच्च सत्य भी प्रदान किया। महाकाव्य महाभारत कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए ब्रह्मज्ञान पर ही आधारित है।

Shrimad Bhagwat Katha enlightened the path to Self-realization for the devotees at Vikaspuri, New Delhi

कथा व्यास जी ने आगे कहा कि ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके आध्यात्मिक यात्रा तय करते हुए ईश्वर में मिल जाना प्रत्येक मनुष्य का मुख्य लक्ष्य है, जिसके आगे भौतिक उपलब्धियां भी गौण हैं। आज इस शाश्वत ब्रह्मज्ञान की खोज करने की आवश्यकता है। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी इस युग के पूर्ण गुरु हैं। वे आज हर जिज्ञासु को उसी ब्रह्मज्ञान या आत्म-साक्षात्कार की शाश्वत तकनीक को प्रदान कर रहे हैं, जो साधक को उस सर्वोच्च शक्ति से जोड़ता है।

मार्मिक प्रवचनों के साथ मधुर और भावपूर्ण भजनों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अनेकों जिज्ञासु ज्ञान मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित हुए। सभी ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रयासों की खूब सराहना की।

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