भारत की पावन भूमि प्रयाग राज, जहाँ अनेकों ईश्वर पिपासु, ईश्वर की खोज में आते है, वहाँ पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम अपने आप में एक अनूठे और शानदार अनुभव का विषय है। हमारे सभी धरम ग्रंथों में यह बात निहित है कि परमात्मा हमारे भीतर ही विद्यमान है और हमारे अंतर्घट में उसका साम्राज्य स्थापित है।
भक्त श्रद्धालुओं को परमात्मा के वास्तिवक रूप, उनके साम्राज्य से अवगत कराने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 21 से 25 जनवरी 2019, प्रयाग राज कुम्भ मेला, गंगा घाट के पास, 5 दिवसीय श्रीमद्भागवत का आयोजन किया गया। कथा व्यास साध्वी रुचिका भारती जी ने अपने ज्ञान एवं अनुभव के माध्यम से होने वाले युग परिवर्तन के बारे में बहुत ही अनूठे तरीके से समझाया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मन्त्रों के उच्चारण एवं प्रभु श्री कृष्ण की पावन चरण वंदना के साथ हुआ। भक्ति से ओतप्रोत एवं प्रेरणादायी भजनों की श्रृंखला में नवयुग की अनुगूंज एवं विश्व शान्ति के महान लक्ष्य में योगदान के लिए आह्वाहन किया गया। भाव विभोर कर देने वाले भजनों ने भक्त आत्माओं को जीवन के परम लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया।
साध्वी रुचिका भारती जी ने अपने अनुभव और ओजस्वी विचारों द्वारा समझाया की किस तरह हम आध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के साथ आगे बढ़ सकते हैं। प्रत्येक युग में धर्म की रक्षार्थ वो परमशक्ति मानवीय रूप में अवतरित होती है। साध्वी जी ने समझाया की जिस प्रकार द्धापर युग में जब वसुदेव जी ने नन्हे से प्रभु को एक टोकरी में डाल, उस टोकरी को अपने सर पे रख गोकुल पहुंचाया था तो किस प्रकार सारी बेड़ियाँ अपने आप एक-एक कर खुल गईं थी ठीक उसी प्रकार जब एक भक्त अपने भगवान को शिरोधार्य कर उन्हें जीवन में प्राथमिकता देता है तो प्रभु उसकी संकुचित मानसिकता की सभी बेड़ियों को तोड़ते हुए उसे आत्मजागृति की ओर उन्मुख करते हैं।
परमात्मा द्वारा दिए गए जीवन का उद्देश्य आत्म ज्ञान है, जिसके द्वारा मानव जाति का उत्थान संभव है इसके अभाव में मानव स्वयं अपने विनाश का कारण बना बैठा है। आज के प्रत्येक क्षण की पुकार है ब्रह्मज्ञान (आत्म ज्ञान) जिससे सम्पूर्ण धरा मंडल में सकारात्मकता आएगी जिसकी आस में धरती माँ कब से करुण क्रंदन कर रही है।
कार्यक्रम में उपस्थित संगत ने कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाया और डी.जे.जे.एस के कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। डी.जे.जे.एस द्वारा चलाए जा रहे सभी सामाजिक प्रकल्पों को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया जो कि आकर्षण का केंद्र रहीI