दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की असीम अनुकंपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा नोएडा, उत्तर प्रदेश में 28 अप्रैल से 4 मई 2024 तक सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा का शुभारंभ भगवान श्री कृष्ण के चरण कमलों में विनम्र प्रार्थना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। कथा में उपस्थित भक्तों ने वास्तविक आध्यात्मिकता की महिमा को जाना।
कथा व्यास साध्वी पद्महस्ता भारती जी ने विभिन्न दिव्य लीलाओं का व्याख्यान करते हुए एकमात्र महत्वपूर्ण विद्या ‘ब्रह्मज्ञान’ पर प्रकाश डाला, जो हमारे जीवन का परम समाधान भी है। हम बाल्य काल से ही भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को सुनते आ रहे हैं। परंतु आवश्यकता है एक ऐसे पूर्ण सतगुरू की शरणागत होने की, जो इन लीलाओं में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकट कर सकें व भक्तिमयी मीरा बाई, भक्त सुदामा आदि जैसा सच्चा भक्त बनने की परम विधि जना सकें। इससे भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बात कि जो मनुष्य को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उसके भीतर ही ईश्वर का दर्शन करवा सकें।
भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में अर्जुन को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर एक केंद्रित व अनुशासित धनुर्धर-अर्जुन का निर्माण किया। तदोपरांत, इतिहास रचा गया व धर्म की स्थापना हुई। भगवान श्री कृष्ण द्वारा उद्घोषित किया गया कि प्रत्येक युग में वे धर्म की स्थापना करने व भक्तों को ईश्वर के परम स्रोत से जोड़ने हेतु पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।
साध्वी जी ने कहा कि दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय में जन जन को ‘ब्रह्मज्ञान’ प्रदान करके उन्हें उनके भीतर ईश्वर का दर्शन करा रहे हैं।
भावपूर्ण भजनों व प्रेरणादायक ज्ञानवर्धक आध्यात्मिक प्रवचनों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। यह कार्यक्रम डीजेजेएस के भारतीय गाय नस्ल सुधार व संरक्षण के सामाजिक प्रकल्प ‘कामधेनु’ को समर्पित था। संस्थान के कामधेनु प्रकल्प का उद्देश्य है - एक आदर्श समाज की धुरी के रूप में भारतीय गाय के मूल्य को पुनः स्थापित करना। दिव्यता व आध्यात्मिक तरंगों से भरपूर वातावरण में उपस्थित श्रद्धालुजन जीवन के परम उद्देश्य का ज्ञान प्राप्त कर कृतज्ञ हुए। उन्होंने डीजेजेएस द्वारा प्रदान किए गए दिव्य मार्गदर्शन व ज्ञान का अभिवादन किया।