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गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन तले दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस, सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्थान) द्वारा हल्द्वानी, उत्तराखंड में 24 से 30 दिसम्बर 2022 तक सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। श्रीमद् भागवत का रसपान करने हेतु असंख्य भक्तों ने बढ़-चढ़कर कार्यक्रम में भाग लिया। कथा में प्रस्तुत भावपूर्ण भजनों ने उपस्थित श्रोताओं को आत्म विभोर किया।

Shrimad Bhagwat Katha Re-Educated the Masses of Haldwani, Uttarakhand the Spiritual Essence of the Vedanta Literature

श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी वैष्णवी भारती जी ने कथा के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि संपूर्ण वेदों का सार श्रीमद् भागवतम् में समाहित है। इसका रसपान करने के पश्चात कुछ भी पाना शेष नहीं रह जाता। लगभग पाँच हजार वर्षों  उपरांत, आज भी भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति से अपने आराध्य भक्तवत्सल भगवान श्री कृष्ण के साथ अटूट बंधन स्थापित किया हुआ है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात्रि के समय कारागार में हुआ। उस रात्रि भीषण वर्षा ने नदियों में उफान मचाया हुआ था। परंतु वासुदेव अपने पुत्र को कारागार से निकाल किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए संकल्पित थे। उनके इस दृढ़ संकल्प को पूर्ण करने हेतु सम्पूर्ण सृष्टि ने उनका सहयोग दिया। उन्हें बाहर निकालने के लिए कारागार के दरवाजे खुल गए। यमुना नदी ने अपने प्रवाह को कम कर दिया ताकि वासुदेव नदी पार कर सकें।

श्री कृष्ण की समस्त दिव्य लीलाएँ आध्यात्मिक मर्मों से सराबोर हैं जो आज वर्तमान युग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनकी दिव्य लीलाएँ हर उम्र के वर्ग के लिए आनंद और प्रेरणा का स्रोत हैं। सम्पूर्ण विश्व को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करवा उन्होंने मानवीय चेतना पर एक अमिट छाप छोड़ी है। भगवान श्री कृष्ण अपने समस्त भक्तों को आध्यात्मिक एवं सांसारिक कर्तव्यों को सामंजस्यता से परिपूर्ण करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से प्रतिकूल परिस्थितियों में शांत चित एवं विरक्त रहकर मनुष्य को श्रेष्ठ कार्य करने की कला सिखलाई। ‘भगवद् गीता’ श्री कृष्ण द्वारा मानव समाज को प्रदान एक अनुपम भेंट है। वर्तमान समय में मानव जीवन की सभी समस्याओं का सटीक समाधान प्रदान करने में सक्षम है। आदर्श जीवन के सूत्रों से अभिज्ञ कराती भगवद् गीता समस्त मानव जाति के लिए मार्गदर्शक के रूप में सिद्ध हुई है।

Shrimad Bhagwat Katha Re-Educated the Masses of Haldwani, Uttarakhand the Spiritual Essence of the Vedanta Literature

कथा व्यास जी ने समझाया की आत्मा परमात्मा का अंश है और शाश्वत आनंद का स्रोत है। आध्यात्मिक जाग्रति के द्वारा ही इस आनंद को अनुभव किया जा सकता है। समय के पूर्ण गुरु ध्यान की वास्तविक विधि ‘ब्रह्मज्ञान’ से अभिज्ञ करवा हमें इसी शाश्वत आनंद की ओर अग्रसर करते हैं।

कथा का परम उद्देश्य जन मानस को ईश्वर दर्शन के शाश्वत ज्ञान – ‘ब्रह्मज्ञान’ से अवगत कराना था। प्रसारित आध्यात्मिक एवं शांति संदेश से कथा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अध्यात्म के दिव्य रंगों में रंगा।

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