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नूरमहल (पंजाब) : 28 नवंबर 2021 को प्रसारित साप्ताहिक वेबकास्ट श्रृंखला के 87वें एपिसोड में दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित व संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने अध्यात्म मार्ग पर चल रहे साधकों को निःस्वार्थ सेवा के महत्व अथवा उसकी अनिवार्यता के बारे में बताया। देश विदेश में रहने वाले सभी शिष्यों व जिज्ञासुओं की सुविधा के लिए कार्यक्रम का प्रसारण दिन में दो बार सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक [IST] और सायं 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक [IST], संस्थान के  यूट्यूब चैनल अथवा फेसबुक हैंडल द्वारा किया गया।

Significance of Guru Seva discussed in the 87th Edition of DJJS Weekly Webcast Series

डिजिटल माध्यम से हज़ारों लोगों द्वारा देखे जाने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रमुग्ध कर देने वाले भक्ति गीतों से हुई, जिसने वातावरण को दिव्यता से भर दिया। भावपूर्ण भजनों के साथ प्रेरक विचारों द्वारा साधकों को दिव्य गुरु की आज्ञाओं का अनुपालन करते हुए निरंतर ब्रह्म ज्ञान की ध्यान साधना करने हेतु प्रेरित किया गया।

इसके उपरांत एक विस्तृत आध्यात्मिक व्याख्यान को प्रस्तुत किया गया, जिसमें दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी धीरानंद जी ने शिष्यों के जीवन में निस्वार्थ सेवा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इतिहास और वर्तमान समय के कईं उदाहरणों का वर्णन करते हुए एक सच्चे सेवक के रूप में श्री हनुमान जी का उदाहरण दिया और इस तथ्य को पुष्ट किया कि निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा साधक को उसके पिछले कर्मों के बोझ से मुक्ति प्रदान करती है।

Significance of Guru Seva discussed in the 87th Edition of DJJS Weekly Webcast Series

शास्त्र ज्ञान को साझा करते हुए स्वामी जी ने तीन प्रकार की नि:स्वार्थ सेवा के बारे में बताया - तनुजा (शारीरिक सेवा), मनुजा (मानसिक सेवा) और धनुजा (भौतिक सेवा)। उन्होंने आगे शिष्यों को दिव्य गुरु के पवित्र चरणों में अपनी सच्ची सेवाओं को अर्पित करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि 'सेवा' गुरु की प्रसन्नता से प्राप्त दिव्य आशीर्वाद होता है।

कार्यक्रम का समापन विश्व भर में उपस्थित दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा एक घंटे के सामूहिक ध्यान सत्र से हुआ, जिसने चारों ओर सकारात्मकता को स्पंदित किया।

अवश्य देखें, COVID महामारी के चलते संस्थान द्वारा चलाई गई साप्ताहिक वेबकास्ट श्रृंखला की 87वीं कड़ी की फोटो हाईलाइट्स।

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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, जिसके संस्थापक एवं संचालक परम पूजनीय श्री आशुतोष महाराज जी हैं, एक विलक्षण सामाजिक - आध्यात्मिक संस्था है, जो विश्व शांति के वृहद् लक्ष्य को स्थापित करने हेतु कार्यरत है| संस्थान अपने विशिष्ट वीजन (vision/दिगदृष्टि) "आत्मजाग्रति  से विश्व शांति" के आधार पर आत्मिक जागरण से व्यक्तिगत सशक्तिकरण को ही समाज की विभिन्न समस्याओं के अचूक समाधान  के रूप में देखता है| व्यावहारिक रूप से  इसी सिद्धान्त को संस्थान ने अपने 9 सामाजिक प्रकल्पों मे जीवंत किया है और समाज की लगभग सभी समस्याओं, चाहे वह बंधी सुधार कार्य हो, नशा मुक्ति  , सम्पूर्ण स्वास्थ्य, अभावग्रस्त वर्गों के बच्चों का सम्पूर्ण शिक्षण, नेत्रहीन व विकलांगों का सशक्तिकरण, लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण हो या फिर पर्यावरण संरक्षण , देसी गाय का संरक्षण एवं संवर्धन, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन और कृषि तंत्र में सुधार इत्यादि के समाधान प्रदान कर रहा है|

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