दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन द्वारा गठित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर वैदिक परम्परा की पुनर्स्थापना एवं प्रचार-प्रसार हेतु संलग्न है।
वैदिक संगोष्ठी, वैश्विक स्तर पर दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा शुरू की गई वैदिक बैठकों की एक अनूठी श्रृंखला है जिसका उद्देश्य सहयोगी प्रयासों के माध्यम से वैदिक मूल्यों और इसकी समृद्धि का संरक्षण, प्रचार व विस्तार करना है।
देशभर में हो रही इन्ही वैदिक संगोष्ठी की श्रृंखला को आगे बढाते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक स्वामी प्रदीपानन्द जी ने दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में गणमान्य व्यक्तियों व वैदिक शिक्षाविदों से भेंट की। स्वामी प्रदीपानन्द जी ने निम्नलिखित व्यक्तित्वों से भेंट की:
- श्री प्रदीप् नम्बूतिरिपाद
तन्त्रिमुख्यः
श्री पद्मनाभस्वामी मन्दिर,
थिरुवनन्थपुरम, केरल - प्रो. श्री सुब्रमनियम अय्यर
मेनेजर,
श्री श्रृंगेरी मठ
कालडी, केरल - आचार्य श्री पराशर बद्री नारायण भत्तर
ट्रस्टी
श्री रङ्गनाथ स्वामी मन्दिर
श्रीरङ्गम, तमिल नाडू - पी. एम्. विजयराघव शास्त्री
सेवावृत्त प्रोफेसर वेदान्त,
द मदरास संस्कृत कॉलेज,
मायलापुर, चेन्नई
स्वामीजी ने दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा उच्चारित शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी- रुद्री पाठ के ऑडियो-विजुअल को DJJS यूट्यूब चैनल पर सुनाया। ऑडियो-विजुअल सुनने तथा देखने के उपरान्त सभी रुद्री पाठ के सटीक व् विशुद्ध उच्चारण को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए तथा वेद मन्दिर के अनवरत प्रयासों से अत्यधिक प्रभावित हुए।
हालाँकि, दक्षिण भारत में कृष्ण यजुर्वेद का पाठ अत्यधिक प्रचलित है और उत्तर भारत में शुक्ल यजुर्वेद, तो भी दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा शुक्ल यजुर्वेद माध्यान्दिनी शाखा कृत विशुद्ध उच्चारण को दक्षिण भारत के उपरोक्त वैदिक विद्वानों ने न केवल सराहा अपितु वेद मन्दिर के अप्रतीम प्रयासों की सहर्ष प्रशंसा करते हुए भावी सहयोग हेतु स्वीकृति भी दी।