दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है। वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेदमंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को जन-प्रचलित करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मन्दिर विश्व भर में कार्यरत है।
भगवान महादेव की नगरी- "काशी" के नाम से लोकप्रिय दुनिया के सबसे पुराने जीवंत शहरों में से एक शहर- वाराणसी ने दिनांक 10 जून 2022 को दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक-गण साध्वी दीपा भारती जी, स्वामी अर्जुनानन्द जी व स्वामी हरिप्रकाशानन्द जी और दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के प्रतिनिधियों ने काशी विश्वनाथ मन्दिर का दिग्भ्रमण कियाl दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के प्रतिनिधियों ने विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का रुद्राभिषेक किया व साथ ही सभी ने अति लोकप्रिय 'सामवेद आरती' और 'विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग श्रृंगार' का भी दर्शन किया| तदोपरांत, सभी 'गंगा पूजन' एवं गंगा आरती में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुएl असंख्य दीपकों से प्रकाशित गंगा घाट का दृश्य अत्यंत दिव्य एवं अलौकिक प्रतीत हो रहा थाl यह अनुभूति अत्यंत मनोहारी एवं अविस्मरणीय रहीl इस विहंगम दृश्य व काशी विश्वनाथ के दर्शनोप्रांत दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा वाराणसी, गोरखपर एवं अयोध्या में होने वाली विभिन्न वैदिक संगोष्ठियों हेतु प्रस्थान किया गया।