दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा जोधपुर, राजस्थान और अहमदाबाद, गुजरात में 21 फरवरी 2020 और 17 से 21 फरवरी 2020 को महाशिवरात्रि पर आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गया। आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध होने के लिए शहरों के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों भक्त एक दिव्य छत्र के नीचे एकत्र हुए। डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने इस विलक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हर संभव प्रयास किया।
शिव केवल एक नाम नहीं है, एक भाव है भावना है। शिव से परे कुछ भी नहीं है। शिव इस ब्रह्माण्ड के आधार हैं, उनसे ही समस्त ज्ञान का उद्भव हुआ है। भगवान् शिव ही इस ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान शिव के श्री चरणों में सरस प्रार्थना से हुआ। भगवान् शिव का वास कैलाश में है, जहाँ उत्सव है परन्तु साथ ही श्मशान के समान शून्यता भी विद्यमान है। शिव भक्ति की दिव्य भजनों की श्रृंखला ने सभी श्रोताओं को शिव तत्व की और आकर्षित किया। शिव महिमा का रसपान कर भक्तों ने जाना कि जीवन का प्रत्येक क्षण कितना महत्वपूर्ण है और जीवन की सार्थकता हेतु भगवान शिव को जानना कितना महत्वपूर्ण है। डीजेजेएस प्रतिनिधि ने सर्वोच्च ज्ञान “ब्रह्मज्ञान” के महत्व को प्रगट करते हुए बताया कि मानव जीवन की सार्थकता व सफलता हेतु ब्रह्मज्ञान द्वारा शिव साक्षात्कार सभी के लिए आवश्यक है।
प्रेरणादायक विचारों द्वारा भगवान शिव की पूजा के सार्थक और सही तरीके के बारे में समझाया गया। लाखों लोगों ने नशा मुक्त जीवन जीने और महाशिवरात्रि को नशा मुक्त तरीके से मनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की रुपरेखा ने भौतिकवादी और सांसारिक विचारों से अपने दिमाग को हटा और भौतिक दुनिया की सीमाओं से परे सच्चाई के मार्ग के बारे में सोचने हेतु प्रेरित किया। वास्तविक शिव रात्रि मानव को सभी बंधनों ने मुक्त करती है व आध्यात्मिक उत्थान के शिखर पर ले जाती है।