इसे आधुनिक युग का वरदान कहें या अभिशाप कि विज्ञान के उच्च शिखर पर पहुँचने के बाद भी मानव मन शांत नहीं है, वह तनाव की चपेट में है। स्थिति इतनी बदत्तर हो चुकी है कि स्कूल के बच्चों को भी इसका शिकार बनते देखा जा रहा है। कोरोना महामारी ने जहाँ इंसान के वर्षों के अथक प्रयास को प्रभावहीन किया है, वहीं भावी पीढ़ी के भविष्य को भी असुरक्षित कर दिया है जिससे बच्चों में तनाव और बढ़ गया है। यद्यपि तनाव कोई बीमारी नहीं है परंतु फिर भी यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह सभी शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों की जड़ अवश्य बन जाता है। अतः बच्चों को तनाव के हानिकारक प्रभाव के प्रति जागरूक करना समय की मांग है। इसी दिशा में क़दम बढ़ाते हुए मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र (SVK), दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) द्वारा संस्थापित एक शैक्षणिक प्रकल्प जिसका उद्देश्य देश के अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनका आध्यात्मिक विकास करना भी है, ने 10 अक्टूबर 2020 को अपने पूर्व छात्रों के लिए एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था- नींव: How to Cope up with Depression through Spirituality- Panacea To All Problems
सत्र की अध्यक्षता DJJS की प्रचारिका साध्वी डॉ. शिवानी भारती जी ने की। उन्होंने विश्व की व्यथा को उजागर करते हुए बताया कि मानव समाज की जैसी आंतरिक प्रकृति होगी, बाहरी प्रकृति में भी वही प्रतिबिम्ब होगा। इसलिए ऐसी युक्ति चाहिए जो हमारे स्व अर्थात् हमारी आत्मा तक कार्य करे। इसलिए आज की समस्याओं का चिरस्थायी समाधान केवल अध्यात्म को अपनाने में है। अध्यात्म व्यक्ति के अत्यंत गहरे मर्मस्थल पर कार्य करता है। यदि हमें समाज को नयी दिशा का बोध कराना है तो अध्यात्म ही एक सशक्त माध्यम है। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित छात्रों को आध्यात्मिक दृष्टि को अपनाते हुए तनावरहित जीवन जीने के कौशल समझाये। उन्होंने समझाया कि अध्यात्म हमें विधेयात्मक चिंतन के साथ उपयुक्त जीवन शैली की कला सिखाता है। ध्यान-साधना की अमोघ युक्ति मनुष्य को तनावरहित जीवन जीने में सहायता करती है तथा उसे बाहरी एवं आंतरिक स्थिरता प्रदान करती है। अंत में साध्वी जी ने सभी से ध्यान-साधना का अभ्यास करते हुए जीवन को अध्यात्म पथ पर अग्रसर करने की शपथ दिलाते हुए सत्र का समापन किया।
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