गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 29 मार्च से 2 अप्रैल 2022 तक फिरोजपुर, पंजाब में पांच दिवसीय श्रीराम कथामृत का आयोजन किया गया। कथाव्यास साध्वी त्रिपदा भारती जी द्वारा प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण ने विशाल जनसमूह को आकर्षित किया।
साध्वी जी ने कहा कि श्री राम की महाजीवन गाथा परम पवित्र है। जो कि हर समय व परिस्थति में आज तक अपना प्रभाव बनाए हुए है। हम श्री राम चरित्र की सराहना और उसका गुणगान केवल इस कारण से करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का हर निर्णय केवल शांति और सद्भाव लाने के लिए ही लिया। वह राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे। वह चाहते तो स्वयं के लिए आरामदायी व सुविधापूर्ण जीवन चुन सकते थे। लेकिन उन्होंने आसान मार्ग की अपेक्षा धर्म मार्ग को चुना व सतपथ के अनुगामी बने। जिस कारण वह आज भी पूजनीय व वंदनीय हैं।
उदाहरण के लिए, बाली ने अपने छोटे भाई सुग्रीव की पत्नी को बंधक बना लिया था और उसे वापिस लौटाने से इनकार कर दिया। तब श्री राम ने अपने लाभ के लिए वानर राजा बाली को नहीं मारा, बल्कि उसके द्वारा शांति संधि के सभी अनुरोधों को अस्वीकार करने पर उसका वध किया। इसी प्रकार लंका के राजा रावण द्वारा भी शांति वार्ता आयोजित करने से इनकार करने व देवी सीता को वापिस न लौटाने पर ही श्रीराम-रावण युद्ध सम्पन्न हुआ। दोनों ही स्थितियों में श्रीराम ने अपने किसी शत्रु की प्रजा व प्रियजन को बंधक नहीं बनाया। श्री राम का हर कार्य संसार के हित के लिए था और इस प्रक्रिया में उन्होंने हर प्राणी को सम्मान और प्रेम ही प्रदान किया। कोई यह प्रश्न पूछ सकता है कि राजा का पुत्र इतना विनम्र कैसे हो सकता है? इसका उत्तर है श्रीराम का निरंतर ब्रह्मज्ञान के अभ्यास के माध्यम से दिव्य शक्ति से स्थापित संबंध। श्री राम वो प्रबुद्ध है जिन्हें ईश्वर का शाश्वत ज्ञान प्राप्त है। उन्होंने आध्यात्मिक गुरु ऋषि वशिष्ठ जी के द्वारा इस आत्मज्ञान को प्राप्त किया गया था।
वही शाश्वत ब्रह्मज्ञान आज भी मौजूद है। हम भी उस परम शांति को प्राप्त कर सकते हैं जिससे श्रीराम विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्षशील व धैर्यवान बने रहे। आज प्रत्येक मानव को ऋषि वशिष्ठ जैसे सच्चे गुरु की तलाश करनी चहिये, जो उसके भीतर ईश्वर का साक्षात् दर्शन करवा सकें। कथा को समापन की ओर ले जाते हुए साध्वी जी ने कहा कि ईश्वर दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वार निरंतर खुले है, वह गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से शाश्वत ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर सकते है। इसलिए जल्द से जल्द अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करें और मानव जीवन के उद्देश्य को पूरा कर जीवन का भरपूर आनंद उठाएं।