दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 13 से 19 मार्च, 2023 तक मेरठ, यूपी में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान के संस्थापक व संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी पद्महस्ता भारती जी ने इस कथा का वाचन किया। ऐसा माना जाता है कि भागवत कथा को पढ़ने और सुनने से व्यक्ति को आध्यात्मिक जागृति और परम मोक्ष तक प्राप्त होता है। भारतीय संस्कृति में श्रीमद्भागवत महापुराण एक प्रमुख ग्रंथ है जिसका सदियों से मानव द्वारा पठन और अध्ययन किया जाता रहा है।
साध्वी जी ने अपने प्रवचनों के दौरान श्रीमद्भागवत की कथाओं और शिक्षाओं के पीछे छिपे गहरे आध्यात्मिक अर्थों को समझाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भागवत कथा केवल कहानियों का संग्रह भर नहीं है, बल्कि उद्देश्यपूर्ण और अर्थपूर्ण जीवन जीने की मार्गदर्शिका है। भागवत में वर्णित भगवान श्रीकृष्ण की समस्त लीलाएं हमें जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों और बाधाओं का सामना करने के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं।
भागवत कथा के प्रमुख विषयों में से एक है- अध्यात्म की सच्ची व सटीक परिभाषा समझना। जिसके बाद ही एक व्यक्ति पूर्ण व सार्थक जीवन व्यतीत कर सकता है। क्यूंकि धर्म केवल नियमों और विनियमों का पालन करना भर नहीं बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो अपने स्वयं के वास्तविक स्वरूप को जानकर जिया जाए।
साध्वी जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में यह स्पष्ट बताया गया है कि ईश्वरीय ज्ञान का शाश्वत विज्ञान ही भक्ति, आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति का सच्चा मार्ग है। आज के परिदृश्य में श्री आशुतोष महाराज जी जैसे पूर्ण तत्ववेत्ता सतगुरु की कृपा से आध्यात्मिक विज्ञान पर आधारित यह ईश्वरीय ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। सही मायनों में, यह देवत्व का एक व्यावहारिक अनुभव है जिसके माध्यम से व्यक्ति अहंकार व अन्य विकारों को दूर कर परमात्मा से जुड़ सकता है। यह ज्ञान अंततः मानव को शाश्वत व आंतरिक शांति और खुशी की ओर ले जाता है। वर्तमान में, दुनिया भर में लाखों-लाखों ऐसे भक्त हैं जिन्हें श्री आशुतोष महाराज जी ने ब्रह्मज्ञान से दीक्षित किया है और वे एक सार्थक, सफल व सुखी जीवन जी रहे हैं।
सारांशतः श्रीमद्भागवत महापुराण की दिव्य कथा आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश करने वालों के लिए ज्ञान और दिव्य अवसरों का खजाना है। भागवत कथा का यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ जो आध्यात्म की ओर अपनी समझ को गहरा कर इसकी शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू करना चाहते थे। उपस्थित सभी लोगों ने कार्यक्रम की बहुत सराहना की।
कथा कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथियों का भी आगमन हुआ। जिन्होंने कार्यक्रम की भव्यता व आध्यात्मिक प्रभाव को महसूस कर कार्यक्रम की खूब प्रशंसा की। साथ ही, संस्थान प्रतिनिधियों से भविष्य में ऐसे कार्यक्रम की पुनः मांग भी की।