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शरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, जो अक्टूबर माह में आश्विन की पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है। यह रात उपचार और कायाकल्प के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि, चमकदार, शांत चांदनी में औषधीय और चिकित्सीय गुण विद्यमान होते हैं।

Thousands gathered to celebrate the vibrant spirit of Sharad Purnima Mahotsav - 2024 organised by DJJS

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) ने पूरे भारत में 27 से अधिक स्थानों पर "शरद पूर्णिमा महोत्सव" का आयोजन किया। इस वर्ष, इस कार्यक्रम में 10035 से अधिक प्रतिभागियों की प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई, जो मध्यरात्रि समारोह के लिए उत्साहपूर्वक एकत्र हुए।

पारंपरिक तरीकों को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों ने पूरे दिन उपवास किया और रात में चावल और दूध की विशेष खीर को ग्रहण करके अपना उपवास समाप्त किया।

Thousands gathered to celebrate the vibrant spirit of Sharad Purnima Mahotsav - 2024 organised by DJJS

यह विशेष खीर आयुर्वेदिक पद्धतियों के अनुसार देसी गाय के दूध और औषधीय जड़ी-बूटियों का उपयोग करके तैयार की गई थी। इसके बाद खीर को चन्द्रमा की रौशनी के नीचे मिट्टी के बर्तन में छोड़ दिया गया ताकि चन्द्रमा की किरणों के उपचारात्मक सार को उसमें मिलाया जा सके। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की चांदनी, खीर में शीतलता के गुणों को बढ़ाती है; और इसे एक औषधीय उपचार में बदल देती है, जो कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन रोगों के उपचार के लिए अत्यंत लाभकारी होती है।

इस दौरान कुछ विशेष सुझाव भी दिए जाते हैं। जैसे कि इस औषधीय खीर का सेवन करने से पहले और बाद में कुछ घंटों तक सोने से परहेज करें और इस उपचार का पूरी तरह से लाभ प्राप्त करने के लिए पूरी रात जागते रहें। 

उपस्थित लोगों को जागृत रखने के लिए आयुर्वेदिक शिविरों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का भी आयोजन किया जिससे प्रतिभागियों को सुबह तक सक्रिय रहने में मदद मिली। 

कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियाँ शामिल थीं:

• सामूहिक जप ने एक शांत और आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी वातावरण तैयार किया।

• विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर प्रतिभागियों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य सलाह प्रदान की।

• इंटरैक्टिव स्वास्थ्य प्रश्नोत्तरी ने हमारी प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार पद्धतियों से संबंधित जागरुकता और ज्ञान को लोगों के समक्ष रखा जिससे लोग काफ़ी प्रोत्साहित हुए। 

• गतिविधियों ने कार्यक्रम को सभी के लिए आनंददायक बना दिया।

प्रतिभागियों ने पूरे जोश के साथ गतिविधियों में हिस्सा लिया और कार्यक्रम का पूर्ण रूप से आनंद लिया। उपस्थित लोगों ने अपने अनुभवों और इस पारंपरिक उत्सव से प्राप्त लाभों की दिल को छू लेने वाली कहानियाँ भी साझा कीं।

डी.जे.जे.एस. के निम्नलिखित शाखाओं ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

1. उत्तर प्रदेश, शाखा गोरखपुर

2. उत्तर प्रदेश, शाखा आगरा

3. उत्तर प्रदेश, शाखा मेरठ

4. उत्तर प्रदेश, शाखा प्रयागराज

5. उत्तर प्रदेश, शाखा अलीगढ़

6. उत्तर प्रदेश, शाखा लखनऊ

7. उत्तर प्रदेश, शाखा बरेली

8. मध्यप्रदेश, शाखा ग्वालियर

9. हरियाणा, शाखा रेवाड़ी

10.  हरियाणा, शाखा बिलासपुर

11.  हरियाणा, शाखा कुरुक्षेत्र

12.  पंजाब, शाखा नूरमहल

13.  महाराष्ट्र, शाखा चाकण

14.  महाराष्ट्र, शाखा अमरावती

15.  राजस्थान, शाखा जयपुर 

16.  मध्य प्रदेश, शाखा भोपाल

17.  बिहार, शाखा पदमपुर 

18.  असम, शाखा डिब्रूगढ़ 

19.  गुजरात, शाखा वडोदरा 

20.  दिल्ली, शाखा दिव्यधाम 

21.  महाराष्ट्र, शाखा लातूर

22.  महाराष्ट्र, शाखा नागपुर 

23.  पंजाब, शाखा डबवाली मलको की 

24.  राजस्थान, शाखा जोधपुर

25.  उड़ीसा, शाखा संबलपुर 

26.  उत्तराखंड, शाखा पिथौरागढ़

27.  कैलिफोर्निया, शाखा फ्रेस्नो । संयुक्त राज्य अमेरिका। 

शरद पूर्णिमा स्वास्थ्य महोत्सव है और डी.जे.जे.एस. इन कार्यक्रम के माध्यम से उत्सवों के प्राचीन तरीकों का सम्मान कर प्राचीन परंपराओं को जीवित रखे हुए है ।

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