Read in English

महाकाव्य रामायण जीवन में धैर्य, दृढ़ संकल्प और उत्साह की नींव को दृढ़ करता है। पंजाब के जलालाबाद क्षेत्र में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 2 जून से 8 जून 2019 तक सात दिवसीय श्री राम कथा का कार्यक्रम आयोजित किया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथाव्यास साध्वी त्रिपदा भारती जी ने भगवान श्री राम के महान व्यक्तित्व को तार्किक व सरस रूप से रखा। माता शबरी के जीवन की गाथा का वर्णन करते हुए साध्वी जी ने बताया कि माता शबरी के गुरु मंतग मुनि जी ने उन्हें कहा था कि एक दिन उनकी कुटिया में स्वयं श्री राम आएंगे।  कई वर्ष गुज़र जाने के बाद भी जब श्री राम नहीं आएं और लोगों ने उनका उपहास किया तब भी उन्होंने अपने गुरु के वचनों पर दृढ़ विश्वास बनाए रखा। वर्षों के बाद भी वह उसी उत्साह व उमंग से श्री राम के लिए मार्ग साफ करती व उस मार्ग को फूलों से सजाती रहीं। साथ ही प्रभु श्री राम के लिए वन से मीठे फलों को चुनकर लाती रहीं। और एक दिन गुरु वचन व उनका विश्वास फलीभूत हुआ और श्री राम उनकी कुटिया में आए।

True Lessons from Ramayana Emphasized at Shri Ram Katha in Jalalabad, Punjab

साध्वी जी ने यह भी बताया कि भक्ति के मार्ग पर जब साधक बढ़ता है तो समाज से उसे अपशब्द, उपहास व विरोध प्राप्त होता है। जिस समय भक्त हनुमान जी माता सीता की खोज के लिए समुंद्र यात्रा करते है तब उन्हें भी ऐसी ही बाधाओं का सामना करना पड़ता है। हनुमान जी को सिहिंका का सामना करना पड़ा। साध्वी जी ने समझाया कि सिहिंका ईर्ष्या की प्रतीक है। भक्त के प्रयास द्वारा ही सिहिंका का समाप्त किया जा सकता है। श्री राम कथा के माध्यम से उपस्थित लोगों ने श्रेष्ठ आचरण व उच्च व्यवहार के महत्व को जाना, जिसके अभाव में शांतिपूर्ण समाज निर्माण सम्भव नहीं हो सकता।  

उसने समझाया कि यदि व्यक्ति को कर्म बंधन से मुक्ति प्राप्ति करनी है तो उन्हें धर्म के मार्ग का अनुसरण करना होगा। सतगुरु वह दिव्य शक्ति हैं जो आत्म-साक्षात्कार द्वारा मानव को उचित मार्ग पर अग्रसर करते हैं। राम राज्य की स्थापना मात्र ब्रह्मज्ञान के द्वारा ही सम्भव है। एक जागृत आध्यात्मिक सतगुरु की कृपा द्वारा ही मानव ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति कर सकता है। वर्तमान में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी मानव को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उसके भीतर दिव्य चेतना का जागरण द्वारा राम राज्य स्वप्न को साकार करने के दिशा में प्रयासरत हैं।

True Lessons from Ramayana Emphasized at Shri Ram Katha in Jalalabad, Punjab

जब भीतर ईश्वरीय प्रकाश फैलता है जो समाज से घृणा, द्वेष और अन्य नकारात्मकताएं मिटने लगती है। तब मानव के भीतर प्रेम, सद्भावना और सौहार्द की भावना जागृत हो जाती है। आध्यात्मिक ज्ञान की वास्तविकता से परिचित हो उपस्थित भक्त अभिभूत हो गए।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox