दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, नूरमहल शाखा द्वारा 12 जून से 21 जून 2018 तक दस दिवसीय ग्रीष्मकालीन कैंम का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 1100 बच्चे शामिल हुए। इस शिविर की रुपरेखा संस्थान के अनेक प्रतिनिधियों द्वारा विशेष रूप से तैयार कि गयी थी। इसमें योग, कला और शिल्प, रणनीतिक खेल और आध्यात्मिक संगीत पर सत्र आयोजित कई गतिविधियाँ थी। संस्थान प्रतिनिधियों द्वारा इंटरैक्टिव व्याख्यान भी आयोजित किए गए। यह व्याख्यान वास्तव में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण थे क्योंकि इसमें विफलताओं की भावना को दूर करने, उच्च वृद्धि करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने जैसे विषयों को छुआ, जो व्यक्ति को ही नहीं बल्कि दुनिया को भी लाभ पहुंचाते हैं।
अक्सर यह पाया जाता है कि बच्चे बहुत संवेदनशील हैं और एक नकारात्मक शब्द भी उनकी क्षमता को कम करने वाला हो उन्हें भावनात्मक स्तर पर हानि पहुंचा सकता है। इस समस्या से जूझने के उद्देश्य हेतु शिविर में इस तथ्य पर जोर दिया गया था कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास हेतु उत्साहजनक प्रकृति अनिवार्य है। ऐसे वातावरण के निर्माण हेतु मनुष्य को आंतरिक ज्ञान के शाश्वत स्रोत से जुड़ना होगा। आंतरिक ज्ञान के शाश्वत स्रोत से जुड़ने के लिए हमें एक प्रबुद्ध गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। सतगुरु हमारे दिव्य नेत्र को खोल, हमें मानव जीवन के उद्देश्य और अर्थ को समझाते है। इस पद्धति को जानने के बाद हम जीवन के हर पहलू, प्रत्येक विकट स्थिति को बिना रुके स्वयं को विकसित करने की क्षमता के रूप में देखेंगे।
हम सभी गुरु कृपा द्वारा ब्रह्म ज्ञान के माध्यम से इस शाश्वत ज्ञान को जाना सकते हैं। इस ज्ञान को प्राप्त कर मानव सामाजिक रूप से उपयोगी कार्यों और विनाशकारी कार्यों के बीच अंतर करने में सक्षम हो पाता है। यहां तक कि लगभग सात वर्ष की आयु के बच्चे भी ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। यह शाश्वत ज्ञान ज़िम्मेदारी और आत्मविश्वास की भावना को उजागर करता है जिससे हम अपनी परिस्थितियों को बदलने की क्षमता को जान पाते है। ज्ञान द्वारा एक ऐसी दुनिया का निर्माण सम्भव है जिसमें अपने कार्यों को करते हुए उनका सभी का सहयोग कर सकते हैं, जिन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता होती है। एक ऐसे समाज का स्वप्न साकार हो सकता है, जिसमें हम सभी मानवता का धर्म निभाते हुए दूसरों के लिए सुंदर संसार बनने का प्रयास करते हैं। इस संबंध में कोई भी मानव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर सकता है।
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