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बढ़ता वायु प्रदूषण, बिगड़ती जलवायु स्थिति, घातक प्राकृतिक आपदाएँ, गंभीर होता जल संकट, बंजर होती भूमि, लुप्त होने के कगार पर खड़ी प्रजातियाँ इत्यादि; इन सभी समस्याओं से परिभाषित है, आज पृथ्वी। जीवन प्रदायिनी प्रकृति का हर एक घटक आज विनाश की ओर अग्रसर है| ऐसे मे वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्रकृति के गर्भ से प्रकट होने वाले वृक्ष ही एक मात्र ऐसी टेक्नालजी है जो इन सभी समस्याओं को निर्मूल करने का दम रखती है|

Van Mahotsav 2019| DJJS focuses on greening the urban landscape; massive sapling distribution drive undertaken

एक वृक्ष ही जल, वायु, पृथ्वी, आकाश व पंचतत्वों से उत्पन्न समस्त जीवन को संगठित व सुगठित करने वाली इकाई है| आदि काल से ही भारत के ऋषि मनीषीयों व प्रबुद्ध जनों ने इस तथ्य को जाना और इसे ध्यान मे रख कर भारतीय जीवनशैली व उसे जुड़ी पदत्तियों का निर्माण किया| वृक्षों कि पूजा, वन महोत्सव, वन देवता कि पूजा इत्यादि प्रक्रियाओं के मूल मे वृक्षों कि महान विशेषता का यही विज्ञान निहित था|

पर्यावरण संकट को निर्मूल करने मे वृक्षों के इसी महान सामर्थ्य को अग्र रखते हुये संस्थान प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु मे वन महोत्सव का आयोजन करता है| हालांकि वन महोत्सव केवल एक हफ्ते का पर्व है परंतु जन- जन को एक बार पुनः वृक्षारोपण व उनकी देख रेख के लिए प्रोत्साहित करने हेतु संस्थान इस पर्व को गुरु पूर्णिमा के साथ जोड़ कर देश भर मे एक माह के लिए मानता है| इस वर्ष 2जुलाई से 10 अगस्त तक देशभर मे स्थित संस्थान की विभिन्न शाखाओं ने वन महोत्सव के उपलक्ष्य मे असंख्य पौधे वितरित किए| साथ ही जागरूकता भाषण के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया|

Van Mahotsav 2019| DJJS focuses on greening the urban landscape; massive sapling distribution drive undertaken

देशभर मे संस्थान कि विभिन्न शाखाओं द्वारा कि गयी गतिविधियों का ब्यौरा कुछ ऐसा है|

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