डी.जे.जे.एस. संतुलन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के साथ-साथ विश्व भर के अपने केंद्रों के माध्यम से एक विशाल योग अभियान का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य विशेष रूप से योग के व्यापक अर्थ पर महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें जागरूक करना था।
महिला स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न योगासन और प्राणायाम मुद्राओं को प्रदर्शित किया और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों और आयु समूहों के हजारों प्रतिभागियों द्वारा अभ्यास किया गया।
महिला स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों जैसे पी.सी.ओ.डी. जो आजकल एक सामान्य बीमारी बन गया है, को संबोधित किया गया। जिसकी रोकथाम के साथ-साथ इलाज में मदद करने वाले भुजंगासन, धनुरासन, मलासन, सेतु बंधासन जैसे योगासनों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही विभिन्न ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए बहु-कार्य साथ करने के अलावा स्वयं के उत्तम स्वास्थ्य हेतु समय का प्रबंधन करने के लिए भी प्रेरित किया गया।
इसके अतिरिक्त वैदिक युग में जिन योगिनी नारीयों ने योगिक शक्तियों में महारत हासिल की थी, जैसे ऋषिका अनुसूइया, अक्का महादेवी इत्यादि पर केस स्टडी समक्ष रखी गई। डी.जे.जे.एस. के संस्थापक एवं संचालक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के साध्वी प्रचारकों द्वारा योग के वास्तविक अर्थ को प्रस्तुत किया गया - "योग केवल शारीरिक उत्थान हेतु मुद्रा भर नहीं है अपितु मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक है; इसके साथ ही योग का अंतिम लक्ष्य ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर-प्राप्ति [धारणा], ध्यान और अंत में ईश्वरीय-चेतना में विलीन [समाधि] होना है।"
कार्यक्रम के अंत में एक रचनात्मक समूह-फोटो सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने एक समूह में योगासन के विभिन्न योग मुद्राओं को एक साथ प्रस्तुत किया। इसे डी.जे.जे.एस. संतुलन के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से एक चुनौती के रूप में पोस्ट किया गया था जिसके अंतर्गत कई प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।
पूरे माह चलने वाली इस योग अभियान काफी उत्साहवर्धक और ज्ञानवर्धक रहा। प्रतिभागियों को योगासन, योग क्रियाओं के साथ-साथ ध्यान का अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने सत्रों का बहुत आनंद उठाया और इस तरह के और भी सत्र आयोजित करने का आग्रह किया।