आज जितनी तेज़ी से दुनिया आगे की ओर बढ़ती जा रही है उतनी ही तेज़ी से युवाओं पर उसका दुष्प्रभाव भी पड़ रहा है| तभी जब युवा इस दबाव को झेल नहीं पाता तो वह आत्महत्या व् नशे की लत की ओर बढ़ जाता है| खासकर metro cities के युवाओं में नशे की गिरफ़त में पड़ जाना या आत्महत्या की प्रवृति देखने को मिल रही है| इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान की कड़कड़डूमा शाखा ने 7 मार्च को नशा उन्मूलन कार्यक्रम- बोध के अंतर्गत “Life is Epic" विषय पर युवा कार्यशाला का आयोजन किया| इस कार्यशाला के अंतर्गत युवाओं को जीवन की हर परिस्थिति में सकारात्मकता से जीने के लिए प्रेरित किया गया| बोध कार्यकर्ताओं ने अनेक गतिविधियों और video presentation आदि के द्वारा मानव जीवन की महत्ता पर चर्चा करते हुए अनेक समस्याओं जैसे कि peer pressure, और parental pressure आदि का सामना करने का मार्ग सुझाया| साथ ही, युवाओं को आत्मिक स्तर पर भी सशक्त बनने के बारे में समझाया गया जिसके द्वारा वह जीवन में किसी भी पड़ाव पर स्वयं को अकेला व् कमज़ोर अनुभव न करें| उन्होंने बताया कि आत्मिक सशक्तिकरण से वह जीवन की प्रत्येक समस्या का पूरे जोश व उत्साह से सामना कर सकते है| साथ ही, 11 मार्च को दिल्ली की विष्णु गार्डन शाखा ने monthly Youth workshop के अंतर्गत “I am Possible” विषय द्वारा युवाओं को जागरूक किया| बोध कार्यकर्ताओं ने इस कार्यशाला द्वारा युवाओं को जीवन में आती हर समस्या का समाना निर्भीकता से करने के लिए प्रेरित किया| इस सत्र के अंतर्गत युवाओं को अनेक गतिविधियों से समझाया गया कि किस प्रकार सकारात्मक सोच हमें जीवन के मुश्किल से मुश्किल पड़ाव पर मार्ग सुझाती हैं तो वहीँ नकारत्मक सोच के कारण गलत निर्णय ले जीवन में समस्याएं बढ़ जाती है| इस कार्यशाला द्वारा युवाओं को सदैव सकारात्मक रवैया अपनाने के लिए प्रेरित किया गया|
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