दिव्य धाम आश्रम, नई दिल्ली में 7 जनवरी को युवाओं के लिए एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया| इस कार्यक्रम का विषय रहा- "मंत्र मुलं गुरोर्वाक्यं" यानि गुरु के मुख से निकला प्रत्येक शब्द शिष्य के जीवन में मंत्र समान होना चाहिए। विश्व शांति के दिव्य उद्देश्य की पूर्ति हेतु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा स्थापित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अंतर्गत ‘युवा परिवार सेवा समिति’ का गठन किया गया है| देश का युवा यदि जाग्रत हो तो देश विकास व उन्नति को पा जाता है| वहीं, आध्यात्मिकता की राह पर आगे बढ़ने वाले युवा सभी दिशाओं में सकारात्मकता का प्रसार कर अपने सर्वोच्च उद्देश्य की पूर्ति भी करते हैं| इस कार्यक्रम में उपस्थित हजारों युवाओं को प्रेरणादायक नाटकों, आध्यात्मिक प्रवचन, भक्ति गीत और प्रेरणादायक वीडियो भी दिखाए गए| जिसमें रामचरितमानस से माता शबरी के गुरु वचनों पर विश्वास की कथा, चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य के समाधि अवस्था से लौट आने पर दृढ़ विश्वास की कथा और शिरडी के साईं बाबा के समाधि से फिर जीवित अवस्था में लौट आने की कथाओं को नाट्य रूपांतरण के जरिए युवाओं के समक्ष प्रदर्शित किया गया| ‘ले क्रांति की मशालें’ ‘बहुत उम्मीदें हैं सतगुरु को’ जैसी भक्ति रचनाओं ने युवाओं को जोश से भर दिया| साथ ही, उन्हें गुरु वचनों पर अटूट विश्वास के साथ बढ़ने की प्रेरणा भी दी|
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