दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में 23 दिसंबर, 2023 को गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर, सोढ़ी ऑडिटोरियम, कैम्पटी, नागपुर, महाराष्ट्र में तनाव प्रबंधन पर एक प्रेरणादायक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सेना के अधिकारियों, अन्य पदाधिकारियों और उनके संबंधित परिवारों द्वारा सक्रिय भागीदारी को सफलतापूर्वक देखा गया। सेना के कुछ सम्मानित अतिथियों में कर्नल यज़ाद इलाविया, कर्नल आशा काले, मेजर अंजलि और मेजर विवेक राठी शामिल रहे।
कार्यक्रम के वक्ता एवं गुरुदेव के शिष्य डॉ. सर्वेश्वर जी ने विचारशील तर्कों के साथ तनाव के मूल कारण और इसके बढ़ते परिणामों के बारे में बताया। आजकल तनाव होना कोई नई बात नहीं रह गई है। किशोरावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक के अधिकांश लोग तनाव, चिंता, घबराहट का अनुभव करते हैं जो मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। डॉ. जी ने अपने जीवनकाल के अनुभवों को सांझा करते हुए कुछ उपयोगी, प्रभावयुक्त और प्रतिफल प्रदान करने वाली विधियों को सभी के सन्मुख प्रस्तुत किया। कार्यशाला में क्रियाएँ, योग अभ्यास, व्यक्तिगत और कार्य संबंधित तनाव प्रबंधन पर भाषण आदि जैसे प्रेरणादायक सत्र शामिल थे।
आज बहुत सारी ध्यान प्रक्रियाएं, प्राणायाम सत्र और योगाभ्यास प्रचलित हो रहे हैं। हालांकि, हम अभी भी तनाव के मामलों को दैनिक आधार पर बढ़ते हुए देखते हैं। लोग मानसिक रूप से चारों ओर नकारात्मकताओं का सामना कर रहे हैं। यहाँ तक कि मामूली मामले भी मन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहे हैं। क्यूँ? क्या गलत हो रहा है? लोग अपने भीतर की शांति का अनुभव क्यों नहीं करते हैं?
डॉ. जी ने आत्मविश्वासपूर्वक कहा कि केवल बातचीत, चर्चाएँ या श्वास अभ्यास ही लोगों की मानसिकता में दीर्घकालिक परिवर्तन लाने में सक्षम नहीं होंगे। आज की परिस्थितियाँ व्यावहारिक समाधान की मांग कर रही हैं। एक ही सनातन विधि है- 'दिव्य-ज्ञान' पर आधारित ध्यान। इसी माध्यम से व्यक्ति वास्तविक रूप से 'आज्ञाचक्र' पर ध्यान केंद्रित करता है और अनन्त शांति और आनंद को अंतर्दृष्टि से अनुभव करता है। यही डी.जे.जे.एस की विशिष्ट विशेषता है जिसने लाखों लोगों के जीवन को सफलतापूर्वक बदल दिया है।
आज के समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु - गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी लोगों को इस 'दिव्य-ज्ञान' का अनुदान दे रहे हैं और प्रत्येक आत्मा को बोध, शाश्वत आनंद और सकारात्मकता के स्रोत से जोड़ रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान विवरण स्वरुप में ध्यान के प्रभावी दीर्घकालिक परिणामों को साँझा किया गया।
श्रोताओं के समक्ष फलप्रद समाधानों को प्रस्तुत करने में यह आयोजन बहुत सफल रहा। सभी ने सकारात्मकता, नवीनता और मानसिक आराम के वातावरण की अनुभूति की। सभी इस कार्यशाला में उपस्थित होने के लिए कृतज्ञ रहे और डी.जे.जे.एस के निरंतर और यथार्थ प्रयासों की सराहना की।