मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र की टीम ने हाल ही में दक्षिण भारत के विभिन्न प्रान्तों में शैक्षणिक संस्थानों, आदिवासी स्कूलों और गुरुकुलों का दौरा किया, ताकि शिक्षा में आ रहे बदलावों व् संभावित प्रयोगों को सम्मिलित कर उचित पद्दतियां गठित की जा सकें। नवम्बर २०२२ में मंथन टीम ने निम्नलिखित स्थानों का दौरा किया-
- श्रीरामकृष्णविद्याशाला,मैसूरू
अपने अनुशासन और स्वच्छता के लिए विख्यात श्री रामकृष्ण विद्याशाला ने मंथन की टीम का सहर्ष स्वागत किया। वहाँ वे स्वामी मुक्तिदानंद जी, अध्यक्ष, श्री रामकृष्ण आश्रम से मिले। तदोपरांत स्वामी युक्तेशानंद ने मंथन की टीम को विद्याशाला की ATL लाइब्रेरी, प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं, कक्षाओं आदि का दौरा करवाया। - सुत्तुरमठ,जे.एस.एसमहाविद्यापीठ
कपिला नदी के तट पर स्थित एवं चामुण्डी हिल्स के निकट स्तिथ जे.एस.एस महाविद्यापीठ सुत्तुर मठ के ४५०० छात्रों ने मंथन की समस्त टीम का वैदिक ऋचाओं के वाचन से स्वागत किया। इस भव्य स्वागत का अभिवादन करते हुए साध्वी दीपा भारती जी तथा साध्वी उन्मेष भारती जी ने समस्त छात्रों को संबोधित किया। भाल पर त्रिपुंड और अंगवस्त्र धारण किये छात्रों ने साध्वी जी द्वारा दिए गए विचारों को आत्मसात किया। श्री त्रिपुरान्तक जी.एल. ने पुरे विद्यालय परिसर का दौरा करवाया। यह देखकर अत्यंत हर्ष हुआ की आज भी बच्चे वैदिक प्रथाओं का अनुसरण कर रहें है। - रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ मोरल एंड स्पिरिचुअल एजुकेशन (RIMSE), मैसूर
मंथन की टीम ने RIMSE के छात्रों के साथ एक का सौहार्दपूर्ण भेंट की। साध्वी दीपा भारती जी ने छात्रों को मानव जीवन की विशेषताओं और उसके मूल अस्तित्व पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। - विवेक ट्राइबल सेंटर फॉर लर्निंग (वी.टी.सी.एल), होसहल्ली, मैसूर
यह आदिवासी स्कूल गाँव की 4 आदिवासी जनजातियों के छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है। यूँ तो यह स्कूल किसी अन्य पारंपरिक स्कूलों की तरह लगता है, लेकिन इसकी कक्षाओं से लेकर इसकी शिक्षण पद्धति तक सब कुछ अद्वितीय है। मंथन टीम ने स्कूलों के छात्रों के साथ बातचीत की व उनकी तकनीक युक्त शिक्षण पद्दतियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। - एस.वी.वाई.एम विवेक रूरल लाइवलीहुड सेंटर, केंचनहल्ली
एस.वी.वाई.एम स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी) के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करता है। साध्वी दीपा भारती जी, साध्वी उन्मेशा भारती जी और साध्वी निशंका भारती जी ने पर्यावरण के अनुकूल बैग और ड्रेस बनाने में कुशल एस.एच.जी की आदिवासी महिलाओं से बातचीत की।
इन सभी शैक्षणिक संस्थानों ने मंथन के साथ जुड़कर बच्चों के सम्पूर्ण विकास हेतु विभिन्न गतिविधियों से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की ताकि अधिक से अधिक अभावग्रस्त बच्चों तक सम्पूर्ण शिक्षा के साधन उपलब्ध किये जा सकें।