संस्कारशाला’ एक विशेष प्रकार की मासिक कार्यशाला है, जो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के समग्र शिक्षा कार्यक्रम मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित की जाती है। आनंद व्यक्ति को जीवन के हर क्षण को स्वीकार करने, उसमें आनंद लेने, और परिस्थितियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता प्रदान करती है।
जनवरी 2024 संस्कारशाला का विषय ‘आनंदम संस्कारशाला’ था। आनन्द अर्थात एक ऐसी अवस्था जिसमें सुख-दुःख की सांसारिक भावनाओं का व्यक्ति के आत्म तत्व/आत्मा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसे में व्यक्ति स्थाई रूप से शान्तम् आनन्दम् की स्थिति में सदैव रह पाता है। इसी सूत्र को साथ लेते हुए, लगभग 41 आनंदम संस्कारशालाएं संचालित की गईं, जिनमें देशभर के दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की शाखाओं के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों से लगभग 1680 बच्चे लाभान्वित हुए।
1. हरियाणा- डिवाइन चाइल्ड प्ले स्कूल, सेक्टर 91, फ़रीदाबाद
2. उत्तर प्रदेश- रघुनन्दन धर्मशाला, हाथरस
3. असम- हनुमान गढ़ी मंदिर, डिब्रूगढ़; ऑयल वैली बॉयज़ एंड गर्ल्स स्कूल, डिब्रूगढ़
4. बिहार- आर्य मिशन स्कूल, अररिया
5. राजस्थान- महात्मा गांधी सरकारी विद्यालय, मुरलीपुरा, जयपुर; शुभ शक्ति विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कलवार रोड, झोटवाड़ा, जयपुर
कार्यशालाओं का आरम्भ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों और मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र के कार्यकर्ताओं द्वारा ध्यान सत्र से किया गया। इस कार्यशाला में बच्चों ने वैदिक खेल व उनमे निहित उन सूत्रों को सीखा जिससे वे भी सदैव आनन्दित रह सकते हैं। बच्चों ने मजेदार गतिविधियों और रोमांचक वीडियो प्रस्तुतियों का आनंद लिया। सत्र का अंत तेनाली रमन के प्रसिद्ध पहेलियों के साथ हुआ, जिसमें बच्चों ने रोमांच से भरकर भाग लिया। कार्यशाला को शान्ति मन्त्र एवं दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में भावार्पण के साथ संपन्न किया गया।