दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा "अलङ्कृता" नामक एक विशेष कार्यशालाओं की प्रेरणादायक श्रृंखला का आरम्भ हुआ। इसका प्रथम प्रकरण "बच्चों के हनुमान", रविवार २३ अप्रैल २०२३ ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न राज्यों से नन्हे बच्चों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला में बच्चों को हनुमान चालीसा शुद्ध उच्चारण सहित सिखाई गई जिसे बच्चों ने पूरी निष्ठा के साथ ग्रहण किया। कार्यशाला में हनुमान जी के जीवन से संबंधित एक लघु चलचित्र भी दिखाया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक स्वामी प्रदीपानन्द जी ने हनुमान जी के जीवन में घटित कई दिलचस्प घटनाओं में छिपे गूढ़ रहस्यों को बच्चों के समक्ष सहज रूप से उजागर किया। इन दृष्टान्तों को सुन सभी बच्चे हर्षित हुए। बच्चों को संबोधित करते हुए स्वामीजी ने समझाया कि हनुमान जी के नाम में ही उनकी विशेषता छिपी है, “जिन्होंने अपने अहंकार का सदा हनन किया”। इसी प्रकार हमें भी अपने अहम को पीछे रख, अपने जीवन में श्रेष्ठ कार्य करने है। हनुमान जी का अपने गुरु श्री राम जी के चरणों में अनन्य प्रेम व प्रभु श्री राम जी की हनुमान जी पर निरन्तर कृपा के कई उदाहरणों के साथ, बच्चों के चरित्र निर्माण हेतु कई प्रेरणात्मक प्रसङ्ग स्वामी जी ने रखे।
बच्चे कार्यशाला में हनुमान जी की वेशभूषा में उपस्थित हुए और सभी ने यह संकल्प लिया कि वे भी हनुमान जी के जीवन आदर्शों को अपने जीवन के भीतर रोपित करने का प्रयास करेंगे। इस तरह से दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा बच्चों को बड़े ही रोचक तरीके से भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया गया। अंतिम चरण में सभी बच्चों ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के श्री चरणों में भाव नमन व वन्दन अर्पित किया।